वॉशिंगटन : होमी जहांगीर भाभा और लाल बहादुर शास्त्री, एक भारत का महान वैज्ञानिक तो दूसरा देश का महान प्रधानमंत्री। इन दोनों की ही मौत को लेकर कई तरह की बातें की जाती हैं। अब एक बार फिर ये मामला खबरों में है। ट्विटर पर एक किताब के दो पेज वायरल होने के बाद लोग फिर से इस पर बाते कर रहे हैं। अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी के अधिकारी रॉबर्ट क्राउले के कुबूलनामों पर आधारित एक किताब में कहा गया है कि सीआईए ने भाभा और शास्त्री की हत्या करवा दी थी। इस किताब को ग्रेगोरी डगलस ने लिखा है। इस पर आधारित एक ट्वीट भी तेजी से वायरल हो गया है।
प्लेन क्रैश में हुई मौत
इस किताब में लिखा है कि सीआईए ने एक बड़ी परमाणु त्रासदी से दुनिया को बचाया है और ये मानवाधिकार का काम था। रॉबर्ट ने बताया है, ‘भारतीय जो गायों से प्यार करते थे और इस बात को लेकर हांकते थे कि वो कितने चालाक हैं, वो भी परमाणु शक्ति बनने की तरफ थे।’ रॉबर्ट ने इस दौरान एक भारतीय को जोकर कहकर संबोधित किया है। रॉबर्ट के मुताबिक उस भारतीय ने ये तय कर दिया था कि भारत को परमाणु शक्ति बनने से कोई नहीं रोक पाए। रॉबर्ट ने इस पर ग्रेगोरी को बताया, ‘उसका नाम होमी भाभा था। वो एक इंसान अमेरिका के लिए बहुत खतरनाक था। लेकिन वो एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो गया। वो हमारे लिए परेशानी बढ़ाने के मकसद से वियना जा रहा था। उसका प्लेन 707 एक बम विस्फोट का शिकार हो गया। आल्प्स की पहाड़ियों में क्रैश हो गया था।’ रॉबर्ट की मानें तो सीआईए, इस प्लेन को विएना के ऊपर उड़ा सकते थे लेकिन हमने तय किया कि ऊंचे पहाड़ पर धमाके के बाद टुकड़ों के नीचे आने के लिए वो बेहतर जगह थी।
शास्त्री की मृत्यु
रॉबर्ट ने अपने बयान में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बारे में भी बात कही है। उन्होंने कहा,’ लाल बहादुर शास्त्री, एक और गाय प्रेमी और इन लोगों के बारे में कोई नहीं जानता है।’ रॉबर्ट के हवाले से आगे लिखा है, ‘भारत से चावल की खेती को नष्ट करने के लिए सीआईए ने एक ऐसी बीमारी विकसित की थी।’ रॉबर्ट ने कहा कि भारत में चावल लोगों की मुख्य डाइट है और ऐसा करके यहां से चावल की पैदावार को खत्म किया जा सकता है। इसकी मदद से एशिया के नक्शे से चावल मिटा दिया जाएगा। रॉबर्ट ने माना कि भाभा एक बुद्धिमान इंसान थे तो और शास्त्री उनके लिए काम को आसान कर रहे थे। ऐसे में सीआईए ने उन दोनों को किनारे कर दिया। साथ ही कुछ ऐसे लोगों को ये बताया कि अभी बहुत कुछ होना है। रॉबर्ट ने शास्त्री और भाभा दोनों को ही अपने देश के लिए खतरा करार दिया था।
परमाणु कार्यक्रम के जनक
डॉक्टर. होमी जहांगीर भाभा भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक रहे हैं। उनकी वजह से ही भारत में एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम के बारे में सोचा जा सका और इसे सच करने के लिए हर कदम उठाया गया। डॉक्टर भाभा का जन्म 30 अक्तूबर, 1909 को मुंबई के पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता एक जाने-माने वकील थे। डॉक्टर भाभा ने शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रल स्कूल और जॉन केनन स्कूल से की। इसके बाद वो रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से बीएससी करने के बाद साल 1927 में हायर स्टडी के लिए इंग्लैंड चले गए। डॉक्टर भाभा ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की थी।