गाजीपुर : यूपी में गाजीपुर पुलिस ने एक दंपती और उसके एक साथी को अरेस्ट किया है. आरोप है कि ये गिरोह बेरोजगारों को नौकरी का लालच देकर ठगता था. मास्टरमाइंड पति-पत्नी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. इनके पास से रेलवे, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग समेत कई अन्य विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र मिले हैं.
एसपी गाजीपुर ओमवीर सिंह ने आरोपियों के बारे में जो जानकारी दी वो होश उड़ा देने वाली है. उन्होंने बताया कि ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य खुद को सचिवालय में सचिव या किसी मंत्री का निजी सचिव बताकर उनके कोटे से नौकरी दिलाने का लालच देते थे. साथ ही ज्वाइनिंग लेटर देकर मोटी रकम वसूलते थे. इनको थाना जंगीपुर पुलिस और स्वाट/सर्विलांस की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
लोगों को शिकार बनाकर ऐंठे 25 लाख रुपये
बताया जा रहा है कि इस गिरोह ने अभी तक आधा दर्जन लोगों को शिकार बनाकर करीब 25 लाख रुपये ऐंठे है. ये रकम अलग-अलग खातों में जमा कराई गई. इनको फ्रीज कराकर अन्य बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई जा रही है. इसके साथ ही पीड़ित व्यक्तियों की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
3 फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और 3 मोबाइल मिले
आरोपियों की पहचान मीता तिवारी पत्नी अंकुश तिवारी और कमलकांत सिद्धार्थ के रूप में हुई है. कमलकांत गाजीपुर के धर्माडीह थाना नोनहरा का रहने वाला है. वहीं दंपती सिमगा मंदिर गली थाना सिमगा जिला बलौदा बाजार छत्तीसगढ़ का रहने वाला है.
हालांकि, कई ऐसे कागज मिले हैं, जिसमें दंपती के सतना, प्रयागराज और महोबा निवासी होने की बात लिखी है. इनके पास से रेलवे विभाग के 3 फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उ. प्र. महानिदेशक कार्यालय का संविदा से स्थायीकरण का पत्र, रेलवे विभाग में नौकरी के लिए भरा हुआ आवेदन पत्र और 3 मोबाइल मिले हैं.