नई दिल्ली : अपने ऊपर आरएसएस के एजेंडा को आगे बढ़ाने जैसे आरोप लगने के बाद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एक बार फिर से भड़क गए हैं। उन्होंने करारा जवाब देते हुए कहा कि मैं आरएसएस का एजेंडा नहीं चला रहा हूं, अगर कोई इस आरोप को साबित कर दे तो मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा। राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन साल से आप कह रहे हैं कि मैं आरएसएस के एजेंडे को लागू कर रहा हूं। मुझे एक नाम दो, सिर्फ एक उदाहरण दो जहां मैंने ऐसे किसी भी व्यक्ति को नियुक्त किया है जो राजनीतिक रूप से आपको परेशान करता हो। आरएसएस, भाजपा के एक व्यक्ति का नाम दें जिसे मैंने अपने अधिकार का उपयोग करते हुए नियुक्त किया है। मैं तुरंत इस्तीफा दे दूंगा।
प्रांतवाद और क्षेत्रीयता की आग को भड़काने की कोशिश कर रहे केरल के मंत्री
राज्यपाल खान ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि यूपी में पैदा हुए व्यक्ति को केरल की शिक्षा प्रणाली की समझ कैसे हो सकती है? वह प्रांतवाद और क्षेत्रीयता की आग को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। वह भारत की एकता को चुनौती दे रहे हैं । उन्होंने यह भी कहा कि अगर केरल का कोई व्यक्ति प्रांतवाद की आग को भड़काने की कोशिश करता है, तो यह राज्य के बाहर काम करने वाले केरलवासियों को कैसे प्रभावित करेगा? मंत्री के अभी भी पद पर बने रहने के बारे में राज्यपाल ने कहा कि मेरे पास उन्हें हटाने की शक्ति नहीं है क्योंकि यह मुख्यमंत्री की पसंद है लेकिन मैं कम से कम केरल के लोगों को बता दूंगा। मुझे इतना करना चाहिए। अपने कर्तव्य का निर्वहन करने का आदेश, शपथ जो मैंने केरल के लोगों के हितों की सेवा के लिए ली है।
येचुरी ने राज्यपाल पर लगाया था RSS के एजेंडे को बढ़ाने का आरोप
राज्यपाल और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार के बीच चल रही खींचतान के बीच, वाम दलों ने मंगलवार को राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में राजभवन तक एक विरोध मार्च निकाला। इस दौरान माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था कि ऐसी स्थिति है जहां राज्यपाल के पद को राज्य सरकारों के खिलाफ खड़ा किया जाता है।शिक्षा को नियंत्रित करने का यह मामला इस धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को एक फासीवादी हिंदुत्व राष्ट्र में बदलने के लिए लाया गया है। इसके जरिए भाजपा-आरएसएस के एजेंडे को बढ़ाने की कोशिश हो रही है। यह ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। इसके लिए उन्हें शिक्षा और हमारे युवाओं की चेतना को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
क्या है मामला?
दरअसल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के विपरीत सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के मद्देनजर राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर से 24 अक्तूबर तक इस्तीफा देने को कहा था। राज्यपाल के इस आदेश के बाद केरल सरकार ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। जिसके बाद राज्यपाल और भड़क गए।
राज्यपाल ने इन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने के लिए कहा था
राज्यपाल ने जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने के लिए कहा था उनमें केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वी.पी. महादेवन पिल्लई, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साबू थॉमस, कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) कुलपति डॉ के.एन. मधुसूदन, मत्स्यपालन एवं समुद्र विज्ञान अध्ययन (केयूएफओएस) विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ के. रिजी जॉन, कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोपीनाथ रवींद्रन। एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ एम.एस. राजश्री, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम.वी. नारायणन, कालीकट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम.के. जयराज, थुंचथेझुथाचन मलयालम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वी. अनिल कुमार शामिल हैं।