नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA को लागू कर दिया है। बता दें कि इस बिल को साल 2019 में ही संसद से पास करवा लिया गया था लेकिन इसके लागू होने में काफी लंबा समय लगा। CAA के माध्यम से केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों, जिसमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देगी। हालांकि, इस कानून के विरोध में भी कई पार्टियों के बयान सामने आ रहे हैं और प्रदर्शन होने लगे हैं। ऐसे में असम की गुवाहाटी पुलिस ने प्रदर्शन करने वाली पार्टियों के लिए सख्त निर्देश जारी किया है।
क्या बोली गुवाहाटी पुलिस?
सीएए के विरोध में असम में कई राजनीतिक दलों सरबतमक हड़ताल का आह्वान किया है। अब इन राजनीतिक दलों को गुवाहाटी पुलिस की ओर से कानूनी नोटिस जारी किया गया है। पुलिस की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि हड़ताल के कारण रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग संपत्तियों सहित सार्वजनिक/निजी संपत्ति को कोई नुकसान या किसी भी नागरिक को चोट लगने पर भारतीय दंड संहिता और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 सहित कानून के उचित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में कहा गया है कि आपके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान की कुल लागत आपसे और आपके संगठन से वसूली जाएगी।
गृह मंत्रालय ने तैयार किया पोर्टल
गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा।
CAA देश का कानून, विपक्ष कर रहा लोगों को गुमराह- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि कोई भी सीएए के क्रियान्वयन को नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। शाह ने कोलकाता में भाजपा की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए लागू करना पार्टी की प्रतिबद्धता है।