जयपुर. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस बार राजस्थान में 11 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा लेकिन इसके बावजूद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के मंत्री कोटे में कोई कटौती नहीं की है. पीएम मोदी ने इस बार भी राजस्थान के चार सांसदों को मंत्री पद से नवाजा है. पिछली बार भी राजस्थान से चार सांसद मंत्री थे. लेकिन उनमें तीन लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद थे. इस बार चारों लोकसभा सांसद हैं. पिछले कार्यकाल में लोकसभा स्पीकर का पद भी राजस्थान की झोली में था. कोटा सांसद ओम बिरला स्पीकर थे. इस बार भी वे रेस में शामिल माने जा रहे हैं. इसके पीछे कई कारण भी गिनाए जा रहे हैं.
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष के लिए ओम बिरला का नाम रेस में है. इसके पीछे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि बिरला का नाम पहले मंत्री पद के लिए चर्चा में बना हुआ था. लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनाया गया. इससे इस बात को बल मिला कि उन्हें उन्हें फिर से लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है. हालांकि इस बार लोकसभा अध्यक्ष के लिए कुछ और नामों पर भी चर्चा चल रही है. इनमें आंध्र प्रदेश से बीजेपी अध्यक्ष दुग्गुबती पुरंदेश्वरी को भी रेस में माना जा रहा है. कुछ ओर भी नामों की चर्चा है.
ओम बिरला के रेस में आगे होने के ये कारण बताए जा रहे हैं
- बिरला का पिछला कार्यकाल बेहतरीन रहा था.
- वे इस बार लगातार तीसरी बार कोटा से सांसद चुने गए हैं.
- ओम बिरला पर शीर्ष नेतृत्व का पूरा भरोसा है.
- बिरला वैश्य समाज का बड़ा राजनीतिक चेहरा हैं.
- कुशल राजनीतिज्ञ बिरला का सभी दलों और नेताओं से संबंध बेहतर हैं.
सहयोगी दलों की सर्वसम्मति की होगी जरुरत
पीएम मोदी ने इस बार 11 सीटों का घाटा होने के बावजूद राजस्थान के मंत्री पद के कोटे में कोई कटौती नहीं की है. इन हालात में भी राजस्थान से चार मंत्री बनाए जाने से साफ है कि पार्टी राजस्थान के इस प्रदर्शन से चिंतित जरुर है लेकिन नाराज नहीं है. चूंकि अभी लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में समय है. लिहाजा राजस्थान की झोली में फिर से यह पद आने की उम्मीद है. यह दीगर बात है कि इस बार स्पीकर के चुनाव के लिए बीजेपी को सहयोगी दलों से भी पूरा राय मशविरा करना पड़ेगा. उसमें समीकरण गड़बड़ा जाए तो कुछ कहा नहीं जा सकता.
अभी एक सप्ताह इंतजार करना पड़ेगा
लोकसभा अध्यक्ष के लिए अभी एक सप्ताह इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि आगामी 18 जून से संसद का ग्रीष्मकालीन सत्र शुरू होने वाला है. इसमें नए सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी. इस सत्र में राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त किए गए प्रोटेम स्पीकर सांसदों को शपथ ग्रहण कराएंगे. उसके बाद नए स्पीकर का चुनाव होगा.