नई दिल्ली l कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों ने आवाजाही और कारोबार पर अंकुश लगाने शुरू कर दिए हैं. इस बीच आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के अहम केंद्रों में लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को हर सप्ताह औसतन 1.25 अरब डॉलर का नुकसान होगा. इससे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 1.40 फीसदी प्रभावित हो सकती है. ब्रिटेन की ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर मौजूदा अंकुश मई के अंत तक रहते हैं तो आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का सामूहिक नुकसान 10.5 अरब डॉलर व मौजूदा मूल्य पर जीडीपी का नुकसान 0.34 फीसदी का रह सकता है.
भारत संक्रमण के नए मामलों में अब दुनिया में सबसे आगे है. अब भारत ने दूसरे और तीसरे सबसे प्रभावित देशों अमेरिका व ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है. देश में मंगलवार को संक्रमण के 1.62 लाख मामले आए और 879 लोगों की मौत हुई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 1.37 करोड़ पर पहुंच गए हैं. वहीं, देश में महामारी (Pandemic) से 1,71,058 लोगों की जान गई है. विभिन्न राज्यों में संक्रमण के मामले रोजाना बढ़ रहे हैं. कुल मामलों में महाराष्ट्र (Maharashtra) का हिस्सा 48 फीसदी के करीब है. इसके अलावा कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी के कारण दिल्ली (Delhi) में भी आवाजाही पर अंकुश लगाए गए हैं.
तिमाही आधार पर देखें तो कहीं बड़ा होगा नुकसान
बार्कलेज ने कहा कि पिछले कुछ दिन के दौरान देश के अहम आर्थिक केंद्रों में लॉकडाउन और आवाजाही पर अंकुश व रात का कर्फ्यू (Night Curfew) लगाया गया है. इससे देश की अर्थव्यवस्था को एक सप्ताह में 1.25 अरब डॉलर का नुकसान होगा. एक सप्ताह पहले अर्थव्यवस्था को साप्ताहिक आधार पर 52 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा था. बार्कलेज ने कहा कि तिमाही आधार पर देखा जाए तो यह नुकसान अधिक बड़ा होगा. इससे जीडीपी में 1.40 फीसदी की गिरावट आएगी.
मई अंत तक रही रोक तो होगी बहुत ज्यादा क्षति
बार्कलेज इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया के मुताबिक, कोविड-19 की वजह से लगाए गए अंकुश अगर मई 2021 अंत तक रहते हैं तो हमारा अनुमान है कि अर्थव्यवस्था को कुल 10.5 अरब डॉलर या बाजार कीमत पर जीडीपी में 0.34 फीसदी का नुकसान होगा. यह रिपोर्ट बजोरिया और श्रेया सोधानी ने लिखी है. बजोरिया ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पहली तिमाही में कहीं अधिक नुकसान होगा. इससे मौजूदा मूल्य पर जीडीपी का 1.40 प्रतिशत का नुकसान होगा. रिपोर्ट कहती है कि अगर मौजूदा अंकुश दो माह तक रहते हैं तो मौजूदा कीमत पर जीडीपी में 0.34 फीसदी और वास्तविक जीडीपी में 0.20 फीसदी की गिरावट आएगी.