देहरादून: घर के बिजली कनेक्शन पर कमर्शियल काम करने वालों के खिलाफ ऊर्जा निगम सख्त कार्रवाई शुरू करने जा रहा है। ऊर्जा निगम ने इसे सीधे तौर पर बिजली चोरी की श्रेणी में रखा है। ऐसे लोगों के न सिर्फ बिजली कनेक्शन काटे जाएंगे, बल्कि उनके पिछले छह महीने के बिजली बिलों का निर्धारण भी कमर्शियल रेट पर किया जाएगा।
राज्य में ऊर्जा निगम एक लाख के करीब नए बिजली कनेक्शन हर साल जारी करता है। इन कनेक्शनों में बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता भी हैं, जो घरेलू कनेक्शन लेकर कमर्शियल इस्तेमाल करते हैं। सबसे अधिक इस्तेमाल घरेलू बिजली कनेक्शन पर हॉस्टल संचालन के रूप में किया जा रहा है। कम लोड का कनेक्शन लेकर अधिक लोड पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे ऊर्जा निगम का गणित गड़बड़ा रहा है।
ऐसे में घरेलू कनेक्शनों का दुरुपयोग रोकने को ऊर्जा निगम अभियान तेज करने जा रहा है। देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर और नैनीताल में हॉस्टल पर विशेष नजर रखी जा रही है। उनके न सिर्फ कनेक्शन जांचे जा रहे हैं, बल्कि लोड की भी जांच पड़ताल की जा रही है।
कनेक्शन काटने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जा रहा है। पिछले चार महीने में ही 1683 किलोवॉट का अवैध लोड पकड़ा जा चुका है।घरेलू बिजली कनेक्शन का इस्तेमाल सिर्फ घरेलू इस्तेमाल के लिए ही हो सकता है। कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए घरेलू बिजली का इस्तेमाल पर कार्रवाई होगी, ताकि आम घरेलू उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
आश्रम के कनेक्शन पर होटल संचालकों का चालान
हरिद्वार, ऋषिकेश में आश्रम के बिजली कनेक्शनों पर होटलों का संचालन किया जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में आश्रमों का संचालन अब होटलों के रूप में किया जा रहा है। आश्रम संचालक होटल कंपनियों को अपनी संपत्ति लीज पर दे रहे हैं। लेकिन बिजली कनेक्शन आश्रम के नाम पर ही चले आ रहे हैं। यूपीसीएल ने इसे सीधे तौर पर बिजली चोरी मानते हुए कनेक्शन काटने की कार्रवाई तेज कर दी है।