योगीराज प्रदीप कुमार तिवारी हरिद्वार से योग एवं नैदानिक चिकित्सा में परास्नातक है। ये देश के कई हिस्सों में योग के द्वारा कई जटिल बीमारियों का इलाज करते हैं। इसके साथ ही अपने लेखों के माध्यम से लोगों को योग के प्रति जागरूक करते रहते हैं।
आराम का तो मज़ा ही कुछ और है, लेकिन हमारा शरीर पूरे दिन बैठने के लिए नहीं बना है। फिर भी हममें से ज्यादातर लोग रोज आठ-दस घंटे कुर्सियों से चिपके रहते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर कमर के निचले हिस्से पर पड़ता है। यही कारण है कि वर्क रिलेटेड मस्क्यूलोस्केलेटल डिसऑर्डर भारत ही नहीं दुनिया की सबसे कॉमन बीमारी हो गई है। रिसर्च का निचोड़ कहता है कि दुनियाभर में 24-39 आयु वर्ग के 4.2 फीसदी लोगों को कमर के निचले हिस्से में पुराना दर्द है। आयु वर्ग का दायरा 20-59 वर्ष करने पर यह प्रतिशत 19.6 तक बढ़ जाता है।
एक्सरसाइज से शरीर के इस हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है। इससे जिदंगी में बहुत सुधार आएगा। योगासन सस्ता सुंदर विकल्प है। किसी तरह के उपकरण की जरूरत नहीं। बस, चटाई बिछाई और कुछ मिनटों का समय खर्च किया, जिंदगी खुशहाली के रास्ते पर दौड़ पड़ेगी। लेकिन ध्यान रहे कुछ इमरजेंसी केस में सलाह दी जाती है कि योग की शुरुआत किसी अनुभवी टीचर या प्रशिक्षित ट्रेनर के साथ की जाना चाहिए।
कमर दर्द के लिए करे योगासन
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन करने के लिए, अपने हाथों और घुटनों पर टेबलटॉप की स्थिति में आएं, अपनी पीठ को आर्च करते हुए और इसे गोलाकार करें, जैसे कि आप अपने हाथों और अपने पैरों के ऊपर से फर्श को नीचे धकेलते हैं। ये आसन रीढ़ की हड्डी को मालिश करने में मदद करता है, जबकि पीठ और धड़ को स्ट्रेच करता है।मार्जरी आसन कमर के लिए सबसे आसान और आरामदायक स्ट्रेच है।
अर्धमत्स्येन्द्रासन
जब अर्धमत्स्येन्द्रासन की बात आती है तो आपके पास कई विकल्प होते हैं। यह एक बुनियादी और प्रभावशाली मरिचिआसन में से एक है। अपने बाएं पैर को सीधे रखें और अपना दाहिना पैर को मोड़ो ताकि आपका पैर सपाट रहें। सहायता के लिए अपने पीछे जमीन पर अपना दाहिना हाथ रखें और बाएँ हाथ की कोहनी को दाहिने घुटने पर रखें।अर्धमत्स्येन्द्रासन से हमारी रीढ़ की हड्डी मुड़ती है। आमतौर पर इस प्रकार का खिचाव हमें नहीं मिलता है। ये खिचाव रीड़ की हड्डी के लिए बेहद लाभदायक होता है।
अधो मुख श्वानासन
यही एक कारण है कि अधो मुख श्वानासन योग की सबसे प्रतिष्ठित मुद्राओं में से एक है। यह आपके पूरे शरीर को फिर से जीवंत कर सकता है। अपने हाथों और पैरों के बल आएं और शरीर को एक मेज़ की स्थिति में लाएं। साँस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं। अपने घुटने और कोहनी को मजबूती देते हुए अपने शरीर से उल्टा वी (V) बनाएं। हाथ कंधो के जितनी दूरी पर होने चाहिए। पैर पीठ की दूरी के बराबर और एक दुसरे के समानांतर होने चाहिए। अपनी हथेलियों को जमीन पर दबाएँ और कंधो से मजबूती प्रदान करें। लंबी गहरी साँस लें अधोमुख श्वान की अवस्था में बने रहें। अपनी नज़र नाभि पर बनाये रखें। साँस छोड़ते हुए घुटनो को मोड़े और वापस मेज़ वाली स्थिति में आएँ।अधो मुख श्वानासन से पिड़लियों से लेकर गर्दन तक शरीर के पूरे पिछले हिस्से में खिचाव आता है। ये आसन कमर दर्दे के लिए बहुत फ़ायदेमंद है
हलासन
हलासन करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। बाजुओं को सीधा पीठ की बगल में जमीन पर टिकाएं। दोनों पैसरो को एक दूसरे से मिलाकर रखें। आँखें बंद करके शरीर को ढीला छोड़ दें। अब कोहनियों को जमीन पर टिकाएं हुए दोनों हाथों से पीठ को सहारा दें। इस मुद्रा में १-२ सांस अंदर और बाहर लें और सुनिश्चित करें कि आपका संतुलन सही बना हुआ है। अब दोनों टांगों को बिलकुल पीछे ले जाएँ। जितना संभव हो सकें उतनी देर इस मुद्रा में रहें। और फिर पैरो को धीरे धीरे वापिस ले आएं।हलासन से पीठ की ऊपरी भाग और गर्दन में खिचाव आता है।
पाश्चिमोतानासन
पाश्चिमोतानासन करना आसान होता है जिससे आपको फायदा ही नहीं होगा बल्कि यह सही तरीके से लोअर बैक को खोल सकता है और कठोरता और दर्द से राहत प्रदान करता है। अपने पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएँ, धीरे धीरे कूल्हों पर से झुकते हुए अपने पैरों, टखनों को पकड़ें। अपनी पीठ को गोल करने के बजाय, अपने उरोस्थि (sternum) को आगे बढ़ाना जारी रखें और धड़ को लंबा करें। यदि इससे आपकी पीठ को दर्द होता है, तो अपने घुटनों को ज़रूरत के मुताबिक मोड़ो।
पाश्चिमोतानासन पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को खोलता है और दर्द व एठन को भी कम करता है। इस आसन को वो लोग न करें जिनके कमर के निचले हिस्से में चोट या स्लिप डिस्क है।
बालासन
बालासन न केवल बच्चे के आराम करने का एक अद्धभुत तरीका है। यह आपकी पीठ और आपके कूल्हों को भी स्ट्रेच कर सकता है। आप इस आसान को कभी भी कर सकते हैं। बालासन करने के लिए जमीन पर वज्रासन में बैठ जाएँ। अब सांस लेते हुए दोनों हाथो को सैर के ऊपर उठा लें। आप सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आएं कूल्हों से झुकते हुएं। और तब तक झुके जब तक कि आपकी हथेलियां जमीन पर न लग जाएँ। अब एक गहरी लम्बी सांस अंदर ले और बाहर छोड़ें। इस मुद्रा में आप जितनी देर रह सकते हैं उतनी देर रहें।बालासन हमारे लिए एक आरामदायक आसन है। इस आसन से कमर के साथ-साथ पूरे शरीर को आराम मिलता है।
भुजंगासन
कमर दर्द के आसनों में तीसरा आसन भुजंगासन है। इसको करने के लिए आप सबसे पहले सीधा ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएंगे। फिर धीरे से दोनों हाथों को छाती के बराबर में समानांतर गैप के साथ रखेंगे। ध्यान रखें आपकी हथेली बिल्कुल छाती के बराबर में होनी चाहिए।आपके पैर मिले हुए होने चाहिए। फिर आप अपनी कमर को नाभि तक के हिस्से को धीरे-धीरे सांस भरते हुए ऊपर उठाएंगे। कमर में होने वाले खिंचाव को महसूस करेंगे और धीर-धीरे सांस छोड़ते हुए नीचे आएंगे। ध्यान रखने वाली बात यह है कि इसमें आपके पंजे बिल्कुल भी दूरी पर न हो एकदम मिले हुए हों। सांस भरते हुए आपको आसन की पूर्ण स्थिति में जाना है, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आना है।
शलभासन
अपनी पीठ और नितंबों को मजबूत करने के लिए शलभासन एक शानदार तरीका है। अपने पेट के बल लेट जाएँ और बगल में अपने हाथ टिकाएं। ठोड़ी को थोड़ा आगे लाएं और जमीन पर रख लें। आँखें बंद करके शरीर को ढीला छोड़ दें। अब धीरे धीरे जितना हो सके अपने टांगों को उतना ऊपर उठायें। टांगों को उठाते समय दोनों एक साथ रहनी चाहिए और अपने हाथो से जमीन पर दबाव बनायें। उसके बाद 30 सेकंड से एक मिनट तक ऐसे ही रहे और धीरे धीरे टांगों को निचे ले आएं। शलभासन से पीठ का निचला हिस्सा मज़बूत होता है। इस आसन को अपने शारीरिक क्षमता के अनुसार करें, जितना हो सके उतना ही टांगों को ऊपर उठाएं।
धनुरासन
धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएँ। दोनों पैरो के घुटनो को मोड़ कर एड़ियों को कूल्हों पर टिकाएं। अब हाथो से अपने टखनों को पकड़ें। जितना हो सके उतना अपनी जांघों और छाती को ऊपर उठायें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहे और वापिस पहले वाली पोजीशन में आ जाएँ।धनुरासन एक कठिन आसन है, जो हमारी हड्डियों में लचीलापन लाता है और उन्हें मज़बूत भी बनाता है।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएँ। अपने पैरों के बीच उचित दूरी बना लें। अपने दाहिने पंजे को 10 डिग्री और बाएँ पंजे को 15 डिग्री तक घुमाएँ। सुनिश्चित करें की आपके पंजे जमीन को दबा रहे हैं और शरीर का भार दोनों पैरों पर समान रूप से हैं। एक गहरी लम्बी साँस अन्दर की ओर लें और साँस बाहर की ओर छोड़ते हुए अपने शरीर को दाहिने तरफ मोड़ें। अब कूल्हों से नीचे की तरफ जाएँ और अपनी कमर को सीधा रखते हुए अपने बाएँ हाथ को ऊपर हवा में उठाएँ और दाहिने हाथ को नीचे जमीन की तरफ ले जाएँ त्रिकोणासन कमर के साइड की मांसपेशियों में खिचाव लाता है और साथ ही दर्द, कमज़ोरी और एठन को भी ख़त्म करता है।