पेरिस: फ्रांस में 17 साल के नाहेल एम की पुलिस की गोली से मौत के बाद पूरे देश में दंगे देखे जा रहे हैं। शनिवार को नाहेल का अंतिम संस्कार हुआ तब भी हिंसा देखी गई। धर्म से नाहेल एक मुस्लिम था और वह एक अफ्रीकी-फ्रेंच नागरिक था। इस दंगे के बाद अब मुस्लिम सोशल मीडिया पर निशाना बनाए जा रहे हैं। यूरोप के बड़े-बड़े नेता सीधे तौर पर इसे अफ्रीकी और मुस्लिम शरणार्थियों के आने से पैदा होने वाली समस्या से जोड़ रहे हैं। सोशल मीडिया ऐसे पोस्ट से भरा है, जिसमें कहा जा रहा है कि मुस्लिम शरणार्थी किसी भी देश में जाकर वहां के नियम नहीं मानते और हिंसा करते हैं।
यूरोप में अब इस बात पर चिंता जताई जा रही है कि इस तरह के हिंसा की आग कहीं बाकी देशों में न फैल जाए। ब्रिटेन की पार्टी ब्रिटेन फर्स्ट के नेता पौल गोल्डिंग ने फ्रांस की हिंसा का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘दंगाइयों ने फ्रांस के एक पुलिस स्टेशन पर रॉकेट वाले ग्रेनेड दागे। अगर यह गृह युद्ध नहीं है तो हम जानते हैं कि यह क्या है।’ पूरी दुनिया का सोशल मीडिया फ्रांस में होने वाली हिंसा से भरा हुआ है। इसमें फ्रांस की एक बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी को भी आग के हवाले कर दिया गया, जिसकी तुलना नालंदा विश्वविद्यालय पर हमले से की जा रही है।
पोलैंड के पीएम ने कसा तंज
पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविएकी ने फ्रांस के दंगों पर तंज कसा है। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें जलता हुआ फ्रांस दिख रहा है और वहीं वीडियो के बीच में शांति और सुकून वाला पोलैंड है। यूरोप में पोलैंड उन देशों में से एक है, जिसमें एक भी अवैध मुस्लिम शरणार्थी नहीं है। पोलिश नेता डोमिनिक टार्जिंस्की का एक पुराना टीवी इंटरव्यू ऐसे दंगों के बाद एक बार फिर वायरल हो गया है, जिसमें वह कहते हैं कि पोलैंड ने जीरो मुस्लिम शरणार्थियों को देश में आने की जगह दी है। इस पर एंकर पूछती है कि क्या आपको इस पर गर्व है, जिस पर वह कहते हैं कि हमने 20 लाख यूक्रेनियों को शरण दी है जो शांति से यहां रह रहे हैं और काम कर रहे हैं। अवैध मुस्लिमों के न होने से हमारा देश सुरक्षित है। कोई भी दंगा नहीं हुआ और न ही आतंकी हमला
नीदरलैंड के सांसद ने जताई नाराजगी
नीदरलैंड के दक्षिणपंथी सांसद गिर्ट विल्डर्स भी इस दंगे के कारण मुस्लिमों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने शनिवार को एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘अगर आप जिहाद का आयात करेंगे तो हैरान मत होइए कि आप खिलाफत बन जाएं।’ गिर्ट ने दंगों से जुड़े कई वीडियो शेयर किए। एक वीडियो जिसमें दुकानों को लूटा जा रहा है उसे ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘मल्टी कल्चरल लूटिंग’। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘स्वीडन में कुरान जलाने भर से इस्लामी सरकारें और मुल्ला नाराज हैं, लेकिन उनकी ‘हिंसक विचारधारा’ को मानने वाले लोग फ्रांस को जला रहे हैं और वह पूरी तरह चुप हैं। पाखंडी।’