देहरादून। रोजगार के लिए भटक रहे युवाओं के लिए गुमानीवाला के शुभम डिमरी मिसाल बन गए हैं। शुभम ने पहाड़ी मसालों से युक्त नमकीन को रोजगार का जरिया बनाया है और इसकी पैकेजिंग व ब्रांडिंग भी खुद ही की है। इस प्रोडक्ट को उन्होंने नाम दिया है ‘गढ़वाल वेपर्स’, और इसकी थीम है ‘द टेस्ट ऑफ गढ़वाल’। खास बात यह कि इससे क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है।
मूलरूप से रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लाक स्थित ग्राम मुन्ना देवल निवासी शुभम डिमरी करीब सात वर्ष पहले इंटर की पढ़ाई के लिए ऋषिकेश आ गए थे। वर्ष 2018 में ऋषिकेश महाविद्यालय से बीएससी करने के बाद उन्होंने डोईवाला में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) से प्लास्टिक इंजीनियरिंग की डिग्री ली। फिर उदयपुर (राजस्थान) में इंटर्नशिप के बाद उन्होंने सिडकुल हरिद्वार की एक कंपनी में पैकेजिंग का काम किया। छह महीने ही हुए थे कि 2020 में लॉकडाउन के दौरान शुभम की नौकरी चली गई। शुभम के पिता दुकानों में सामान सप्लाई करने वाले वाहन के चालक हैं। बकौल शुभम, ‘इसी से मेरे मन में विचार आया कि क्यों न खुद की ब्रांडिंग वाली नमकीन तैयार कर उसकी सप्लाई की जाए। इस संबंध में मैंने पिता के अलावा दोस्तों से भी राय ली। सबने योजना की सराहना की। अब इसे धरातल पर उतारने के लिए मैंने आस-पास के गांवों से पहाड़ी हल्दी, मिर्च, धनिया व पुदीना खरीदा और गुमानीवाला में बिना किसी सरकारी मदद के नमकीन बनाने व पैकेजिंग का लघु उद्योग शुरू कर दिया।’
शुभम बताते हैं कि इस काम को शुरू करने में सात से आठ महीने लगे। आज पहाड़ी मसालों से युक्त शुभम की नमकीन का जायका दूर-दूर तक लोग ले रहे हैं। अब वो अपने काम को और आगे बढ़ाना चाहते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रोजगार पा सकें। शुभम कहते हैं, उनके व्यवसाय से रिटेलर को लाभ मिलता है। उनकी नमकीन की खासियत है, पहाड़ों में उत्पादित शुद्ध हल्दी, गिलोय व पुदीना। यह न केवल नमकीन को स्वादिष्ट बनाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं। भविष्य में इसमें कंडाली (बिच्छू घास) का प्रयोग करने की योजना भी है। विशुद्ध पहाड़ी सामग्री से निर्मित इस उत्पाद को वह देश के अन्य राज्यों में भी पहुंचाना चाहते हैं।
खबर इनपुट एजेंसी से