नई दिल्ली। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ट्रैवल करने वाले पैसेंजर्स के लिए फ्लाइट डिले जल्द ही बीते दिनों की बात होने वाली है. दरअसल, आईजीआई एयरपोर्ट से फ्लाइट्स के मूवमेंट को बेहतर बनाने के इरादे से दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने एक नया सिस्टम लॉन्च किया है. ‘यूनिफाइड टोटल एयरसाइंड मैनेजमेंट’ (UTAM) नामक यह नया सिस्टम एयरसाइड ऑपरेशन्स को सुरक्षित और बेहतर बनाने के इरादे से किया गया है.
डायल का इन-हाउस UTAM सिस्टम एयरपोर्ट के विभिन्न सोर्स से रियल-टाइम डाटा इकट्ठा कर प्लेन मूवमेंट, ग्राउंड सर्विस इक्विपमेंट (GSE) और एयरसाइड विहिकल की गतिविधियों को मॉनिटर करने में मदद करेगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाला यह स्मार्ट सिस्टम रियल-टाइम में ऑपरेशन्स को मॉनिटर और ऑप्टिमाइज़ करने में भी मदद करेगा. साथ ही, किसी तरह की कोई समस्या होने पर एडवांस में अलर्ट भी भेज देगा.
UTAM सिस्टम की मदद से सभी एयरलाइंस, ग्राउंड हैंडलर्स और एयरपोर्ट अथॉरिटीज को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाकर ऑपरेशन्स को सरल और बेहतर बनाया जा सकेगा. आपको बता दें कि यह सिस्टम प्रभावी बनाने के एआई (AI), मशीन लर्निंग (ML), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और रडार सिस्टम्स जैसे अत्याधुनिक तकनीकों से UTAM को जोड़ा गया है, जिससे ऑपरेशन्स को बेहतर और सुरक्षित बनाया जा सके.
इस तरह मददगार साबित होगा UTAM
ऑपरेशनल एफिशिएंसी: जियोफेंस एरिया में ग्राउंड सर्विस इक्विपमेंट के इन-आउट टाइम को ट्रैक करके ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों को मॉनिटर करेगा. साथ ही, सर्विसेज में डिले होने की स्थिति में संबंधित एजेंसीज को अलर्ट जारी करेगा.
माइल व्यू 10-40-70: UTAM एयरक्राफ्ट्स की मूवमेंट को आसमान में भी ट्रैक करेगा. यह ट्रैकिंग तीन स्टेज में होगी. एयरक्राफ्ट जैसे ही 70, 40 और 10 मील की दूरी को पार करेंगे, इसका अलर्ट सभी संबंधित एजेंसियों के पास भेज दिया जाएगा. जिससे समय रहते एयरसाइट में सभी तैयारियां पूरी की जा सकें.
फ्लाइट होवरिंग मॉनिटरिंग: यह सिस्टम न केवल एयरक्राफ्ट होवरिंग को ट्रैक करेगा, जिससे एटीसी के साथ मिलकर होवरिंग के कारणों का पता लगाया जा सके. बता दें, फ्लाइट होवरिंग ऐसी टेक्निक है, जिसमें प्लेन एक ही जगह पर उड़ता रहता है.
ऑन ब्लॉक/ऑफ ब्लॉक टाइम रिकॉर्ड्स: ऐसे पार्किंग स्टैंड, जिसमें विजुअल डॉकिंग सिस्टम नहीं है, उसमें विमानों के ऑन-ऑफ ब्लॉक को ऑटोमैटिक रिकार्ड करेगा, जिससे रिपोर्टिग और बिलिंग में मदद मिल सके.
पार्किंग स्टैंड उपयोग: इस सिस्टम के जरिए यह पता किया जा सकेगा कि कौन से पार्किंग स्टैंड खाली है और कहां पर प्लेन खड़े हैं. जिससे लैंडिंग से पहले प्लेन को पार्किंअ अलॉट कर एयर स्पेस का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके.
बैगेज इफिसिएंसी मैनेजमेंट: पैसेंजर्स तक सही समय पर बैगेज पहुंच सके, इसके लिए इस सिस्टम के जरिए बैगेज ट्रॉली की मूवमेंट को भी ट्रैक किया जा सकेगा. साथ ही , जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बैगेज ट्रॉली को सही जगह पर भेजा जा सकेगा.
टैक्सी एण्ड रनवे मैनेजमेंट: UTAM की मदद से रनवे ऑक्युपेंसी, टैक्सी में लगने वाला टाइम, टैक्सीवे एलोकेशन को भी ट्रैक किया जा सकेगा. जिससे एयरपोर्ट ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर की कार्य क्षमता को बेहतर बनाया जा सके.