हिंदू मान्यता के अनुसार कलयुग में राम भक्त हनुमान जी की साधना सभी सुखों को दिलाने और मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है. हर युग में पृथ्वी पर मौजूद रहने वाले हनुमान जी की साधना के पुण्य फल से व्यक्ति के जीवन से जुड़ा बड़ा से बड़ा कष्ट पलक झपकते ही दूर हो जाता है. ऐसे चिरंजीवी हनुमान जी की जयंती हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस साल हनुमान जी की पूजा-जप-तप से जुड़ा यह पावन पर्व 06 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा.
हिंदू धर्म में हनुमान जयंती के दिन की जाने वाली हनुमत साधना का बहुत ज्यादा पुण्यफल बताया गया है. मान्यता है कि हनुमान जयंती के पुण्यफल से साधक के अटके काम पूरे और किए गए प्रयास सफल होने लगते हैं. बजरंगी के भक्त हर समय उनकी कृपा बनी रहती है, जिससे उसे किसी भी प्रकार की बुरी बला या भूत-प्रेत का खतरा नहीं रहता है.आइए हनुमान जयंती पर बजरंगी की पूजा से जुड़े उन नियमों के बारे में विस्तार से जानते है, जिसकी अनदेखी करने पर अक्सर लोगों की हनुमत साधना अधूरी रह जाती है.
- हनुमान जयंती की पूजा का पुण्यफल की कामना रखने वाले व्यकित को उनकी पूजा हमेशा तन और मन दोनों से पवित्र होकर करनी चाहिए. हनुमत साधना में साफ-सफाई का बहुत महत्व है, इसलिए बजरंगी की साधना किसी पवित्र और साफ स्थान पर ही करें.
- हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की शुभता एवं सफलता को देखने के लिए पंचांग देखने की परंपरा है. ऐसे में हनुमान जयंती पर अपनी हनुमत साधना को सफल बनाने के लिए उसे शुभ मुहूर्त में ही करें. इसके अलावा आप चाहें तो हनुमत साधना प्रात:काल और सायंकाल भी करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
- हनुमान जी को लाल रंग बहुत प्रिय है. ऐसे में हनुमान जी को उनकी पूजा में लाल रंग के पुष्प, लाल रंग के फल, लाल रंग के वस्त्र और सिंदूर अवश्य चढ़ाएं.
- हनुमान जयंती की पूजा का पुण्यफल पाने के लिए शुद्ध घी का दीया ही जलाना चाहिए. यदि आप हनुमान जी के दीये में कलावे से बनी लाल रंग की बाती लगाते हैं तो उसकी शुभता और अधिक बढ़ जाती है.
- हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा भोग के अधूरी मानी जाती है. ऐसे में हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा में उनका प्रिय भोग यानि बूंदी, मोतीचूर का लड्डू, चूरमा, गुड़-चना आदि जरूर चढ़ाएं.
- हनुमान जी की पूजा में तुलसी दल का विशेष रूप से प्रयोग करना चाहिए. मान्यता है कि हनुमान जी का भोग तब तक अधूरा माना जाता है, जब तक कि आप उसमें तुलसी दल साथ न चढ़ाएं. ऐसे में आप हनुमत कृपा पाने के लिए उन्हें तुलसी के पत्तों से बनी माला विशेष रूप से चढ़ा सकते हैं.
- हनुमान जी की कोई भी पूजा या साधना तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक आप उनके स्वामी प्रभु श्री राम और माता जानकी की पूजा न कर लें. ऐसे में हनुमान जयंती पर बजरंगी के साथ सियाराम की साधना और उनके मंत्रों का जप करना बिल्कुल न भूलें.
- हनुमान जयंती की पूजा करने वाले साधक को तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और उसे पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए इस व्रत को पूरा करना चाहिए.
- हनुमान जी की पूजा करते समय अपना ध्यान इधर-उधर की चीजों में नहीं भटकाना चाहिए. इसके लिए पूजा करने से पहले सभी पूजन सामग्री अपने पास में रख लेना चाहिए.