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एकादशी व्रत में इन नियमों की अनदेखी करने पर पुण्य की बजाय लगता है पाप

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
18/11/22
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
एकादशी व्रत में इन नियमों की अनदेखी करने पर पुण्य की बजाय लगता है पाप

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हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष तिथि को एकादशी व्रत रखा जाता है. वैसे तो प्रत्येक मास में पड़ने वाली सभी एकादशी महत्वपूर्ण होती हैं लेकिन उत्पन्ना एकादशी का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन अगर आप सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ विधि-विधान के साथ भगवान कृष्ण की उपासना करते हैं तो आपके सभी काम सफल होते हैं. इस साल यह एकादशी व्रत 20 नवंबर 2022, शुक्रवार को पड़ने जा रही है. मान्यता है कि एकादशी माता भगवान विष्णु का ही एक स्वरूप स्वरूप हैं. इसदिन श्री हरि की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है. आइए उत्पन्ना एकादशी व्रत से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

उत्पन्ना एकादशी व्रत में क्या करें

  • एकादशी व्रत की तैयारी व्रत के एक दिन पहले से ही शुरू हो जाती. व्रत के एक दिन पहले रात के समय भोजन करने के बाद दातून व कुल्ला करना चाहिए, ताकि मुंह में अन्न का कोई भी अंश न बचा हो.
  • अगले दिन प्रात: काल उठकर स्नान अवश्य करें. ध्यान रखें कि पूजा के वक्त धुले या नए वस्त्र ही पहनें
  • पूजा के वक्त गंगा जल का इस्तेमाल अनिवार्य होता है. भगवाल विष्णु का अभिषेक करते वक्त जल में गंगा जल अवश्य मिलाएं और फिर उन्हें अर्पित करें.
  • मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी जी प्रिय होती हैं, इसलिए पूजा करते समय उनको तुलसी के कुछ पत्ते अवश्य चढ़ाएं.
  • आरती के वक्त थाल में स्वास्तिक का चिन्ह बनाना शुभ माना जाता है. आरती की थाल में कपूर और कुछ पुष्प भी रखें. संभव हो तो आरती अपने पूरे परिवार के साथ ही करें.
  • पूजा के बाद यदि संभव हो तो ब्राह्मण को भोजन भी कराएं. ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.

उत्पन्ना एकादशी की पूजा में क्या न करें

  • एकादशी के दिन अगर आपने व्रत नहीं भी रखा है तो कोशिश करें कि इसदिन चावल का सेवन न करें. जो एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें व्रत के एक दिन पहले, सायंकाल से ही चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • एकादशी व्रत में कोशिश करें कि किसी से भी लड़ाई झगड़ा न करें. किसा के प्रति अपने मन में द्वेष भावना भी उत्पन्न न होंने दें. माना जाता है कि इस दिन बूढ़े-बुजुर्गों की सेवा करने से बहुत आशीर्वाद मिलता है.
  • अगर आप ने या आपके परिवार के किसी सदस्य ने एकादशी का व्रत नहीं भी रखा है तो भी इस दिन मांसाहार भोजन न करें. इसके अलावा शाकाहारी भोजन भी बिना लहसुन और प्याज वाला ही करना चाहिए.

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