नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के आर्थिक परिदृश्य (Economic Outlook) को संशोधित करते हुए वर्ष 2025 में उसकी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी दी गई। समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह एडजस्टमेंट आईएमएफ की ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य अद्यतन: वैश्विक वृद्धि- विविध और अनिश्चित’ शीर्षक रिपोर्ट में प्रस्तुत व्यापक वैश्विक आर्थिक आकलन के बीच किया गया है।
आईएमएफ के संशोधित अनुमानों से यह भी संकेत मिलता है कि वर्ष 2026 में पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चार प्रतिशत पर रहेगी। हालांकि, वर्ष 2025 के वृद्धि दर अनुमान में आई गिरावट देश में चल रही आर्थिक चुनौतियों को दर्शाती है। हालांकि आईएमएफ ने संशोधन के लिए विशिष्ट कारण नहीं बताए हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान की इकोनॉमी बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही है। पाकिस्तान ने अपने खर्चे चलाने के लिए IMF, विश्व बैंक समेत कई देशों से भारी कर्ज लिया है। लेकिन हालात में बहुत सुधार नहीं हो रहा है। पाकिस्तान में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। जनता आसमान छूती महंगाई से परेशान है।
बुरे दौर में पाकिस्तानी इकोनॉमी
मुद्राकोष ने तीन महीने पहले के अपने अनुमान में पाकिस्तान की वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रहने की बात कही थी। यह नवीनतम संशोधन पिछले महीने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा किए गए पूर्वानुमान को प्रतिबिंबित करता है। एडीबी ने भी चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए पाकिस्तान के वृद्धि पूर्वानुमान को तीन प्रतिशत तक समायोजित किया, जो पहले अनुमानित 2.8 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों संस्थानों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों का हवाला दिया है, लेकिन मध्यम अवधि के लिए सतर्कतापूर्वक आशावादी दृष्टिकोण बनाए रखा है। वैश्विक स्तर पर, आईएमएफ ने वर्ष 2025 और 2026 दोनों के लिए 3.3 प्रतिशत की वैश्विक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है, जो 3.7 प्रतिशत के ऐतिहासिक औसत से थोड़ा कम है।
1.5 लाख नौकरियां खत्म कीं थी
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने लागत में कटौती के लिए 1.5 लाख नौकरियां समाप्त करने का ऐलान किया था। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने जानकारी देते हुए कहा था कि हम संघीय सरकार के आकार को चरणबद्ध तरीके से कम कर रहे हैं। अब तक 80 विभागों को 40 में समेकित किया जा चुका है। उन्होंने कहा था कि सरकार का इरादा जून, 2025 तक इन सुधारों को पूरा करने का है। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत रिक्त पदों को खत्म कर दिया गया, जो करीब 1.5 लाख सरकारी नौकरियों के बराबर है।