नई दिल्ली। लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 गुरुवार (27 मार्च) को पास हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इमिग्रेशन बिल पर जवाब देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा, देश के अर्थतंत्र को मजबूत करने के लिए, मैन्युफेक्चरिंग और व्यापार, फिर से एक बार देश की शिक्षा प्रणाली को दुनिया में स्वीकृति देने के लिए, हमारी यूनिवर्सिटियों को वैश्विक बनाने का रास्ता प्रशस्त करने के लिए और इस देश को दुनिया में 2047 में सर्वोच्च बनाने के लिए, ये बहुत जरूरी बिल है।
अमित शाह ने कहा कि ‘भारत में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए यह जानने का अधिकार है। भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि जो जब चाहे, यहां आकर रहे।’ अमित शाह ने कहा कि सरकार उन लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार है जो पर्यटक के तौर पर या शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यवसाय के लिए भारत आना चाहते हैं।
अमित शाह ने कहा कि जो लोग खतरा पैदा करेंगे उनसे गंभीरता से निपटा जाएगा। अमित शाह ने कहा, ”हमारे इमीग्रेशन का पैमाना और आकार बहुत बड़ा है। हालांकि, यहाँ शरण के लिए नहीं बल्कि स्वार्थी उद्देश्यों से आने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। जो लोग भारत की अर्थव्यवस्था और विकास में योगदान देने के लिए यहां आते हैं, उनका हमेशा स्वागत किया जाता है। लेकिन चाहे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, अगर आप यहां शांति भंग करने आए हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसलिए हमें इस विधेयक में लचीलापन और दृढ़ता दोनों की आवश्यकता है।”
अमित शाह ने कहा, ”ये बिल लाने का मुख्य मुद्दा वो है कि इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है, कब आता है, कितनी अवधि के लिए आता है और किस उद्देश्य के लिए आता है, ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।”
अमित शाह ने कहा, ”मैं इस सदन को आश्वासन देता हूं कि इसके माध्यम से भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखने का काम होगा और इसके माध्यम से देश का विकास भी सुनिश्चित होगा।”
अमित शाह CAA पर भी कही ये बात
अमित शाह बोले, ”भारत के शरणार्थियों के प्रति एक इतिहास रहा है कि पर्सिया से आक्रांताओं ने भागा दिया और पारसी दुनिया में कहीं नहीं गए, भारत में आए और आज भी सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे माइक्रो माइनोरिटी अगर विश्व में कहीं सम्मान से रहती है तो वो भारत देश में रहती है। अभी मोदी जी के कालखंड में भी आसपास के देशों से छह प्रताड़ित समुदायों के नागरिकों को भी सीएए के तहत शरण देने का काम भाजपा ने किया।”
अमित शाह ने कहा, ”हम भू-सांस्कृतिक देश हैं, भू-राजनीतिक नहीं। हमारे पास अप्रवासियों का स्वागत करने और उनकी रक्षा करने का एक लंबा इतिहास है। पिछले आक्रमणों के कारण, कई फारसी शरणार्थी भारत चले आए और अब सुरक्षित हैं। भारत दुनिया के सबसे छोटे अल्पसंख्यकों के लिए हमेशा से खुला रहा है, जो उन्हें सम्मान के साथ रहने के लिए जगह देता है। उदाहरण के लिए, इजराइल से यहूदियों ने यहां शरण ली और सुरक्षा पाई। पीएम मोदी के नेतृत्व में और अब भी, हमने पड़ोसी देशों के समुदायों को शरण देना जारी रखा है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के साथ, छह सताए गए समुदाय अब भारत में सुरक्षित रूप से रह रहे हैं।”