नई दिल्ली: आज वायुसेना अकादमी (एएफए) में 213 ऑफिसर्स कोर्स की संयुक्त ग्रेजुएशन परेड को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि आधुनिक युग का युद्ध सिर्फ लड़ाई के मैदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जटिल डेटा नेटवर्क और नयी साइबर प्रौद्योगिकियों से प्रभावित होने वाला और निरंतर बदलने वाला एक परिदृश्य है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य के युद्धों को अतीत की मानसिकता के साथ नहीं लड़ा जा सकता।
आधुनिक युग में जंग मैदान तक सीमित नहीं
उन्होंने कहा कि आधुनिक युग का युद्ध गतिशील है और लगातार बदलने वाला परिदृश्य है। यह अब केवल लड़ाई के मैदान तक सीमित नहीं है। यह जटिल डेटा नेटवर्क और उन्नत साइबर प्रौद्योगिकियों से तेजी से प्रभावित हो रहा है। अधिकारी के रूप में आप सभी को युद्ध जीतने में निर्णायक साबित होने के लिए प्रौद्योगिकी को प्रभावी ढंग से अपनाने, नवाचार करने और उसका लाभ उठाने की आवश्यकता है। चौधरी ने कहा कि किसी अधिकारी में दक्षता, आक्रामकता और पहल करने जैसे तीन सबसे प्रशंसनीय गुण होते हैं और साथ ही ऐसे अधिकारियों की भी जरूरत है जो विचारक भी हों। जब आप इस असाधारण सफर की शुरुआत करने जा रहे हैं तो ऐसे में भारतीय वायुसेना के मूल मूल्यों- अभियान, समग्रता और उत्कृष्टता को अपना मार्गदर्शक बनाएं।हमारे लिए, वर्दीधारी पुरुषों और महिलाओं के लिए अभियान की सिद्धि सबसे महत्वपूर्ण है। यह किसी संगठन की दिशा, दक्षता और समग्र सफलता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
वायुसेना प्रमुख ने दिया ये खास सुझाव
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उन्हें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए और इससे बहुत लाभ होगा। आप जितना अधिक पढ़ेंगे, आप अपने क्षेत्र की जटिलताओं को उतना ही बेहतर समझ पाएंगे। एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति अज्ञात के मुकाबले स्पष्टता के साथ अनुकूलन और नेतृत्व करने में सक्षम होता है।उन्होंने कहा कि पेशेवर ज्ञान प्राप्त करना सर्वोपरि है, लेकिन नये कमीशन प्राप्त अधिकारियों को अन्य क्षेत्रों में भी अपने कौशल को निखारना चाहिए।उन्होंने सत्यनिष्ठा के बारे में बताया कि नैतिक विकल्प चुनना, आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखना और एक मिसाल के साथ नेतृत्व करना टीम के सदस्यों के साथ विश्वास और निष्ठा को कैसे प्रेरित करेगा।इस समारोह में सफलतापूर्वक उड़ान प्रशिक्षण पूरा करने वाले फ्लाइट कैडेट्स, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों और मित्र देशों के अधिकारियों को ‘विंग्स’ प्रदान किए गए।
भारतीय वायुसेना के दृष्टि वक्तव्य ‘पहले जनता, हमेशा मिशन’ पर बोलते हुए चौधरी ने नए कमीशन प्राप्त अधिकारियों से पेशेवर क्षमता, शारीरिक और नैतिक साहस, चरित्र और सहानुभूति के माध्यम से अपने अधीनस्थों और साथियों का सम्मान अर्जित करने का आग्रह किया।सीजीपी भारतीय वायुसेना की उड़ान और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 235 फ्लाइट कैडेट के प्रशिक्षण के सफल समापन का प्रतीक है।चौधरी समीक्षा अधिकारी थे और उन्होंने प्रशिक्षण के सफल समापन पर स्नातक फ्लाइट कैडेट को ‘प्रेसीडेंट कमीशन’ प्रदान किया।एक रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्नातक अधिकारियों में 22 महिला अधिकारी शामिल थीं, जिन्हें भारतीय वायुसेना की विभिन्न शाखाओं में कमीशन मिला है।
इस अवसर पर भारतीय नौसेना के नौ अधिकारियों, भारतीय तटरक्षक बल के नौ अधिकारियों और मित्र देशों के एक अधिकारी को भी उड़ान प्रशिक्षण के सफल समापन पर ‘विंग्स’ प्रदान किया गया। इसमें कहा गया है कि यह पहला सीजीपी भी है, जहां ‘ग्राउंड ड्यूटी’ शाखाओं के लिए चार साल पहले राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए 25 कैडेट को अधिकारी के रूप में कमीशन दिया गया।समीक्षा अधिकारी ने प्रशिक्षण के विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्नातक अधिकारियों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए।विज्ञप्ति में कहा गया है कि फ्लाइंग ब्रांच के फ्लाइंग ऑफिसर हैप्पी सिंह को पायलट कोर्स में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पर आने के लिए ‘प्रेसीडेंट्स प्लैक’ और वायुसेना प्रमुख के ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया।विज्ञप्ति में कहा गया है कि फ्लाइंग ऑफिसर तौफीक रजा को ग्राउंड ड्यूटी ऑफिसर्स कोर्स में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पर आने के लिए ‘प्रेसीडेंट्स प्लैक’ प्रदान किया गया.