रुद्रपुर : अतिक्रमण हटाने के दौरान जमकर बवाल मचा। रुद्रपुर के भाजपा विधायक शिव अरोड़ा की मौजूदगी में पुलिस ने महिलाओं के साथ जमकर अभद्रता की। इसी दौरान कोतवाल के एक महिला को धक्का देने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भीड़ उग्र हो गई, जिसके बाद प्रशासन को अभियान बीच में ही रोकना पड़ा।
काशीपुर रोड स्थित भगवानपुर कुलड़िया में गुरुवार सुबह अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था। भगवानपुर कुलड़िया में गुरुवार सुबह पुलिस बल हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका के अनुपालन में 46 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचा। इस दौरान विधायक शिव अरोड़ा मौके पर आए, जिन्हें अधिकारियों ने एक दिन की मोहलत देने का भरोसा दिया था।
इसके बाद वह डीएम से मिलने चले गए। जिसके बाद प्रशासन ने अतिक्रमण तोड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान गुस्साए लोगों के ईंट मारने से एक जेसीबी चालक घायल हो गया। बवाल बढ़ने पर कोतवाल धीरेंद्र कुमार लोगों को बलपूर्वक हटाने लगे। इस बीच विधायक की मौजूदगी मेें कोतवाल ने एक महिला को जोर से धक्का देकर जमीन पर गिराने का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसकी पुष्टि हिन्दुस्तान नहीं करता।
पुलिस ने आपा खोया, लोगों को दौड़ाकर पीटा
काशीपुर रोड स्थित रुद्रपुर के भगवानपुर कुलड़िया में गुरुवार को हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका के अनुपालन में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बवाल हो गया। इस दौरान विधायक शिव अरोड़ा जेसीबी की कार्रवाई रोकने के लिएसामने आ गए तो तैश में आकर भीड़ ने जेसीबी रोक ली।
इसी दौरान एक युवक ने जेसीबी चालक को ईंट मार दी, जिससे वह घायल हो गया। वहीं इसके बाद पुलिस ने आपा खो दिया और लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर अभियान रोक दिया गया। शुक्रवार को अभियान फिर चलाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
लोनिवि के अधिशासी अभियंता ओमपाल सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में अतिक्रमण को लेकर रुद्रपुर निवासी ओमप्रकाश ने खसरा नंबर 192 को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अतिक्रमणकारी सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। वहीं वर्ष 2023 में हाईकोर्ट में इस मामले में अवमानना याचिका दायर की गई थी।
इसमें अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमण हटाकर इस संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। इसी क्रम में नोटिस और अतिक्रमण हटाने की मुनादी किए जाने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट की ओर से शीघ्र अतिशीघ्र रिपोर्ट मांगी गई है।