फ्लोरिडा: भारतीय क्रिकेट टीम में इस वक्त लगातार युवा खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है और उन्हें टेस्ट किया जा रहा है। कुछ प्लेयर्स फ्लॉप हो रहे हैं तो कुछ अपने नाम का डंका बजा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में भारत के ओपनिंग जोड़ी में काफी बदलाव हुए हैं। जब से शिखर धवन का टीम से पत्ता कटा है तब से कई प्लेयर्स को भारत के लिए ओपनिंग करते हुए देखा गया है।
मौजूदा समय में वेस्टइंडीज के साथ भारत 5 मैचों की टी20 सीरीज खेल रहा है। इस सीरीज से कप्तान रोहित शर्मा को आराम दिया गया। ऐसे में टीम इंडिया के लिए ओपनिंग जोड़ी में भी बदलाव हुआ। पहले दो टी20 में शुभमन गिल के साथ ईशान किशन ने पारी का आगाज किया। लेकिन बात जमी नहीं। उसके बाद टीम मैनेजमेंट ने ईशान की जगह तीसरे टी20 में यशस्वी जायसवाल को ट्राई किया। वह उस मैच में फ्लॉप रहे। लेकिन चौथे टी20 में यशस्वी और गिल की जोड़ी ने जो कोहराम मचाया वो अविश्वसनीय था। दोनों के बीच इतना जबरदस्त तालमेल देखने को मिला कि लोग कहने लगे भारत को अगले सचिन-गांगुली मिल गए।
यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल हैं भारत का भविष्य
आने वाले समय में यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल भारत के लिए एक साथ मिलकर जमकर रन बनाने वाले हैं। दोनों में दिग्गज सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की झलक दिखती है। शुभमन और जायसवाल ने मिलकर विंडीज के खिलाफ चौथे टी20 में 165 रन की साझेदारी की थी। गिल ने 47 गेंदों में 3 चौके और 5 छक्कों की मदद से 77 रन की तूफानी पारी खेली थी। वहीं यशस्वी ने 11 चौके और 3 छक्कों के चलते 51 गेंद में नाबाद 84 रन बनाए थे। दोनों की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने सबका दिल जीत लिया। आने वाले समय में यह दोनों बल्लेबाज भारत के लिए लगातार ओपनिंग करते हुए नजर आ सकते हैं।
वहीं दोनों को अगला सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इन दोनों ने उन्हीं के अंदाज में मोर्चा संभाला और शानदार बल्लेबाजी की। बता दें कि वनडे में सचिन और गांगुली की ओपनिंग जोड़ी सबसे सफल है। उनसे ज्यादा किसी और ओपनिंग जोड़ी ने इतने रन नहीं बनाए। गांगुली- तेंदुलकर ने 1996 से लेकर 2007 के बीच में 136 पारियों में 49.32 की औसत से 6609 रन बनाए हैं। दोनों के बीच 21 बार शतकीय तो 23 बार अर्धशतकीय साझेदारी देखने को मिली है।