नई दिल्ली: आम बजट 2025 का बहिखाता खुल गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हर क्षेत्र को भर-भरकर सौगात दी है। युवा हो या बुजुर्ग, महिला हों या पुरुष, इस बजट में हर वर्ग के लिए हुई घोषणाओं ने सबको खुश कर दिया है। निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। सरकार ने ‘परमाणु ऊर्जा मिशन’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य साल 2047 तक 100 गीगावाट (GW) परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करना है।
देश परमाणु ऊर्जा का हब बनने की राह पर चल पड़ा है और इसकी बड़ी झलक आज के बजट में देखने को मिली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यक्लियर पावर मिशन के लिए 20 हजार करोड़ के बजट का ऐलान किया है। भारत को न्यूक्लियर ऊर्जा संपन्न देश बनाने की दिशा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का यह बड़ा कदम है। पीएम मोदी कई सम्मेलन में ग्रीन ऊर्जा पर जोर देते नजर आए थे। इसके साथ ही भारत को न्यूक्लियर ऊर्जा संपन्न देश बनाना भी महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल है।
न्यूक्लियर मिशन 2047 पर जोर
यह बजट देश में नए परमाणु ऊर्जा केंद्र बनाने और पुराने ऊर्जा केंद्रों की क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। देश में लगातार परमाणु सेक्टर का विस्तार हो रहा है। अब परमाणु ऊर्जी मिशन के लिए वित्त मंत्री ने 20 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इससे बिजली क्षेत्र के लिए बिजली कंपनियों की बिजली उत्पादन और क्षमता में विकास होगा।
बजट में न्यूक्लियर मिशन 2047 पर जोर रहा। जिसके तहत 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी का विकास किया जाएगा। इसके लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। 2033 तक कम से कम 5 स्वदेशी रूप से विकसित छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर चालू हो जाएंगे। बिजली क्षेत्र में सुधार और क्षमता पर जोर दिया जाएगा
क्या है वर्तमान स्थिति?
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस लक्ष्य के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिये नागरिक दायित्त्व अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में विकसित कम से कम पांच मॉड्यूलर रिएक्टर 2033 तक काम करने लगेंगे। वर्तमान में, भारत में 462 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है, जिसमें आठ गीगावाट परमाणु ऊर्जा शामिल है।
फिलहाल देश में 7 पावर प्लांट में 22 रिएक्टर संचालित हो रहे हैं, जिनमें 6 हजार मेगावाट नाभीकिय ऊर्जा पैदा करने की क्षमता है और अब 100 गीगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए परमाणु स्रोतों से बिजली उत्पादन को तेजी से बढ़ाना होगा।