नई दिल्ली l दुनिया में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन भारत में होता है. चीनी निर्यात के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है. दुनिया में भारत से ज्यादा केवल ब्राजील चीनी का निर्यात करता है. इस बीच भारत में चीनी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र सरकार चीनी के निर्यात पर भी बैन लगाने की योजना बना रही है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू कीमतों में उछाल को रोकने के लिए सरकार चीनी निर्यात को प्रतिबंधित कर सकती है.
पिछले हफ्ते ही सरकार ने घरेलू जरूरतों को देखते हुए गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला लिया था. अब संभव है कि चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाने का फैसला ले लिया जाए. रिपोर्ट के मुताबिक एक विकल्प ये भी है कि सरकार इस सीजन में चीनी के निर्यात को 10 मिलियन टन पर सीमित कर दे.
साल-दर-साल निर्यात में बढ़ोतरी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत ने सितंबर को समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में 18 मई तक 75 लाख टन चीनी का निर्यात किया है. वित्त वर्ष 2020-21 में 70 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट हुई थी. जबकि विपणन वर्ष 2017-18 में 6.2 लाख टन, 2018-19 में 38 लाख टन और 2019-20 में कुल 59.60 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था.
भारत से सबसे ज्यादा चीनी खरीदने वालों देशों में इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश हैं. अगर उत्पादन की बात करें तो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक की देश में कुल चीनी उत्पादन में करीब 80 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसके अलावा गन्ना उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा और पंजाब भी शामिल हैं.
सुगर स्टॉक्स में भारी गिरावट
हालांकि इस फैसले का अभी तक कोई ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन इससे मंगलवार को चीनी शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. खासकर एक्सपोर्ट करने वाली चीनी कंपनियों के शेयर फिसल गए. रेणुका शुगर (Renuka Sugar Share) के शेयर 6.66%, बलरामपुर चीनी मिल्स के शेयर 5%, धामपुर शुगर के शेयर 5 फीसदी और Shakti Sugar के शेयर करीब 7 फीसदी गिर गए.
गेहूं के निर्यात पर बैन
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से वैश्विक बाजार में गेहूं सप्लाई लेकर संकट पैदा हो गया है. दोनों ही देश विश्व के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक हैं. दोनों देश मिलकर दुनिया के गेहूं निर्यात जरूरत के एक तिहाई हिस्से की पूर्ति करते हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण इस वर्ष गेहूं की कीमतों में 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है.