नई दिल्ली l जून महीने की 1 तारीख को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (UNFAO) 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) के रूप में मनाता है। वर्ल्ड मिल्क डे (World Milk Day) डेयरी इंडस्ट्री की ग्रोथ और वैश्विक खाद्य पदार्थ के रूप में दुग्ध उत्पादन के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। एफएओ ने वर्ल्ड मिल्क डे (World Milk Day) की शुरुआत 1 जून 2000 को की थी।
दूध का महत्व बताने के लिए वर्ल्ड मिल्क डे
दूध (Milk) इंसान के डाइट का बहुत जरूरी हिस्सा है। इस बात को समझाने और दूध को डाइट में शामिल करने के लिए जागरुक (Aware) करने के उद्देश्य से वर्ल्ड मिल्क डे (World Milk Day) मनाया जाता है। इसके साथ ही दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देना भी World Milk Day का उद्देश्य है।
अमूल का श्वेत क्रांति में योगदान
देश की सबसे बड़ी दूध उत्पादक कंपनी Amul ने 1945-46 में कारोबार शुरू किया था। Amul के कारोबार की शुरुआत Bombay Milk Scheme के साथ हुई थी। लौह पुरुष के नाम से मशहूर सरदार वल्लभ भाई पटेल (Patel) ने सहकारी दुग्ध योजना की नींव रखी थी। उसके बाद 14 दिसंबर 1946 को सहकारी सोसाइटी के तौर पर Amul का रजिस्ट्रेशन हुआ। अमूल गुजरात के आणंद में स्थित है। Amul के प्रोडक्ट में आज दूध, दूध का पाउडर, मक्खन, घी, चीज़,पनीर, दही, चॉकलेट, श्रीखण्ड, आइसक्रीम, गुलाब जामुन, न्यूट्रामूल आदि शामिल हैं।
Amul की स्थापना का उद्देश्य
सरदार वल्लभ भाई पटेल की सोच थी कि किसानों को आर्थिक मजबूती तभी प्रदान की जा सकती है जब वे दलालों की मजबूत पकड़ से बाहर आ सकें। 4 जनवरी 1946 को गुजरात के खेडा में एक मीटिंग में इस पर विचार किया गया कि गांव में दुग्ध उत्पादन केंद्र (Milk Production Center) बनाना चाहिए। इसके बाद पहली सहकारी संस्था आनंद में बनाई गई। छोटे किसानों ने हाथ मिलाकर एक सहकारी समूह तैयार किया। बाद में यही सहकारी संस्था पूरे देश में आकार लेने लगी और अमूल के नाम से पूरे देश में मशहूर हुई। साल 1973 में यह गुजरात सहकारी दुग्ध मार्केटिंग फ़ेडरेशन लि. में तबदील हो चुकी थी और अमूल के नाम से लोकप्रिय हुई।
श्वेत क्रांति के जनक डॉ कुरियन
डॉ. वर्गीज कुरियन को भारत में श्वेत क्रांति (White Revolution) का जनक कहा जाता है। डॉ कुरियन का जन्म 26 नवंबर को हुआ था। डॉ कुरियन के सम्मान में हर साल देश भर में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) मनाया जाता है। डॉ कुरियन 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोड में एक ईसाई परिवार में जन्मे थे। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद कुरियन (verghese kurien) डेयरी की पढ़ाई के लिए भारत सरकार ने स्कॉलरशिप दी। साल 1949 में सरकार ने Dr. verghese kurien को आनंद में एक डेयरी में काम करने के लिए भेजा। सरकारी नौकरी में जी नहीं लगने की वजह से डॉक्टर कुरियन (verghese kurien) को त्रिभुवनदास पटेल ने रोक लिया। इसके बाद त्रिभुवनदास पटेल और डॉ कुरियन ने मिलकर कैरा डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन के तहत मिल्क कॉपरेटिव मूवमेंट की शुरुआत की। इसे आज अमूल (Amul) के नाम से जाना जाता है।
दूध उत्पादन में भारत
दूध उत्पादन के मामले में भारत पहले नंबर पर है। भारत हर साल पूरी दुनिया के दूध उत्पादन में 22 फीसदी योगदान देता है। साल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक भारत का डेयरी उद्योग सालाना 5.6 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। भारत ने 2018-19 में दुनिया में सबसे अधिक 18.77 करोड़ टन दूध का उत्पादन (Milk Production) किया था। इसके बाद यूरोपीय संघ के देशों ने मिल कर 2018 में कुल 16.73 करोड़ टन दूध का उत्पादन (Milk Production) किया था। दुनिया में इस साल 84 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था।
सहकारी समिति का कामकाज
गांव के लोगों के लिए कई सहकारी समितियों का गठन किया गया था। दुग्ध उत्पादक (Milk Producer) किसानों का मुख्य कार्य दिन में दो बार दूध इकट्ठा करना था। दूध और उसके फैट के हिसाब से किसानों को दूध के भाव दिए जाते हैं। किसानों को शिक्षित करना और फैट मापने की आधुनिक मशीनें इस प्रक्रिया को सरल बनाने में काम आई। दूध के रोजाना के संग्रह करने वाले केन को दूध को ठंडा रखने वाली इकाइयों में बदल दिया गया था। इसके कुछ समय बाद पास्चुरीकरण (दूध में रोगों और कमियों से नष्ट करना), ठंडा करने और पैकिंग का कार्य शुरू किया गया। पैक किया गया दूध (Packed Milk) पहले थोक वितरक और उसके बाद खुदरा विक्रेताओं के पास पहुंचने के बाद ग्राहकों को मिलता है।
खबर इनपुट एजेंसी से