नई दिल्ली। चाइनीज स्मार्टफोन का भारतीय बाजार में एक तरफा बोल बाला है। इसमें बहुत सारे चीनी ब्रांड का नाम शामिल है। लेकिन अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है। चिप वॉर नाम की बुक लिखने वाले क्रिस मिलर ने एक समिट में बोलते हुए कहा कि भारतीय ब्रांड बहुत आसानी से चीनी स्मार्टफोन्स को पछाड़ सकते हैं। इसके लिए बस एक रणनीति बनाने की जरूरत है और उस पर काम करने की जरूरत है।
मिलर ने भारत की तारीफ करते हुए कहा, इलेक्ट्रिक व्हीकल और मेडिकल टेक्नोलॉजी में भारत ने जो काम किया है, उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। लेकिन स्मार्टफोन मार्केट में जरूर अभी भी चीन का ही बोलबाला है। लेकिन ऐसा बिल्कुल कहना गलत नहीं है कि भारत बहुत आसानी से चीनी स्मार्टफोन को पीछे छोड़ सकता है।
भारत सरकार का प्लान-
ये कोई पहली बार नहीं है जब ऐसे बयान सामने आए हैं। यही वजह है कि भारत सरकार लगातार ‘Make In India’ पर जोर दे रही है। आज सरकार की नीतियों का ही नतीजा है कि भारत में ज्यादातर स्मार्टफोन असेंबल होते हैं। इसमें बड़ी-बड़ी चीनी कंपनियों का भी नाम है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत दूसरा सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बनाने वाला बाजार बन गया है। ये कई लोगों को खुशखबरी दे सकता है।
कितने फोन बनाए-ICEA की रिपोर्ट सामने आई थी और इसमें कहा गया था कि भारत में बीत साल 2.45 बिलियन स्मार्टफोन बनाए गए हैं, इसमें ऐपल, शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसे ब्रांड्स का नाम शामिल था। इससे भारत ने 4.1 लाख करोड़ रेवेन्यू जनरेट किया है। जबकि कुछ साल पहले की बात करें, यानी 2014-2015 में स्मार्टफोन मैनुफैक्चरिंग से 18,900 करोड़ रुपए कमाए थे। इसकी मुख्य वजह है कि सरकार की तरफ से लगातार विदेशी कंपनियों को भारत में लाने के लिए विचार किया जा रहा है।