चैन्नई l भारतीय नौसेना ने चैन्नई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का किया परीक्षण, समुद्र से दूर जमीन पर भी हो सकेगा हमला
भारतीय नौसेना के अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से शुक्रवार को समुद्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है. इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने एकदम सटीक निशाना लगाया. ब्रह्मोस मिसाइल और आईएनएस चेन्नई दोनों स्वदेशी रूप से निर्मित हैं और भारतीय मिसाइल और जहाज निर्माण कौशल की अत्याधुनिकता को उजागर करते हैं.
इस परीक्षण को आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया प्रयासों में भारतीय नौसेना के योगदान के लिहाज से भी देखा जा रहा है. यह उपलब्धि भारतीय नौसेना को और भी गहरा हमला करने की क्षमता प्रदान करती है. बता दें जब और जहां आवश्यक हो वहां भूमि संचालन को प्रभावित करने की क्षमता को स्थापित करती है. इसकी खासियत ये है कि ये समुद्र से दूर जमीन पर भी हमला कर सकती है.
कई लक्ष्यों के खिलाफ हासिल कर चुकी है जीत
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, जिसका दिसंबर 2020 में परीक्षण भी किया गया था, संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस के तहत रूस के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और NPOM द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है. आधुनिक युद्ध के मैदान में मिसाइल पहले से ही एक प्रमुख रक्षक रही है. यह एक बहु-भूमिका और बहु-मंच वाली हथियार प्रणाली है और पहले से ही विभिन्न लक्ष्यों के खिलाफ अपनी क्षमता साबित कर चुकी है. इसे भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों में तैनात किया गया है.
इससे पहले विशाखापत्तनम से किया था परीक्षण
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 290 किमी की दूरी तय कर सकती है और 2.8 से 3 मच की गति तक पहुंच सकती है. इस बीच, ब्रह्मोस – II हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को मैक 7 वेग में 450 – 600 किमी की सीमा के भीतर लक्ष्य को हिट करने के लिए तैनात किया जा सकता है.इससे पहले डीआरडीओ के मुताबिक, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत समुद्र से समुद्री संस्करण का आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया. मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य जहाज पर सटीक निशाना लगाया.’