नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में जल्द ही एक और शक्तिशाली युद्धपोत शामिल होने वाला है। रूस में बना ‘तमाल’ नाम का यह आधुनिक फ्रिगेट (युद्धपोत) जून के अंत तक भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, ‘तमाल’ फ्रिगेट को रूस के कलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में कमीशन किया जाएगा। यह युद्धपोत सितंबर तक भारत के पश्चिमी तट पर पहुंचेगा। इससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति और मजबूत होगी। एक अधिकारी ने बताया कि यह मुंबई स्थित पश्चिमी बेड़े का हिस्सा होगा। ‘तमाल’, रूस के साथ हुए 2.5 बिलियन डॉलर के सौदे का हिस्सा है। इस सौदे में भारत के लिए चार और क्रिवक/तलवार (Krivak/Talwar) श्रेणी के फ्रिगेट शामिल हैं। इनमें से दो यांतर शिपयार्ड में और बाकी दो रूस से तकनीक लेकर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में बनाए जाएंगे।
समंदर में और ताकतवर हो रहा है भारत
इस सौदे के तहत पहला फ्रिगेट, आईएनएस (INS) तुशील, पिछले साल दिसंबर में यांतर शिपयार्ड में कमीशन किया गया था। यह फरवरी में भारत पहुंचा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे नौसेना में शामिल किया गया था। राजनाथ सिंह ने इस युद्धपोत को भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति का ‘गर्वपूर्ण प्रमाण’ और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती में ‘एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ बताया था। तुशील और तमाल उन्नत Krivak III श्रेणी के फ्रिगेट हैं। ऐसे छह युद्धपोत पहले से ही सेवा में हैं। इनमें तीन तलवार श्रेणी के जहाज हैं, जो सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिक शिपयार्ड में बने हैं। बाकी तीन तेग श्रेणी के जहाज हैं, जो यांतर शिपयार्ड में बने हैं।
यह पिछली तेग श्रेणी के फ्रिगेट से दोगुना है
इन नए फ्रिगेट में लगभग 26% स्वदेशी सामान हैं। यह पिछली तेग श्रेणी के फ्रिगेट से दोगुना है। इसमें 33 कंपनियों का योगदान है, जिनमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, ब्रह्मोस एयरोस्पेस (भारत-रूस का संयुक्त उद्यम) और नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स (टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) शामिल हैं। इन नए फ्रिगेट में कई आधुनिक हथियार लगे हैं। इनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, Shtil सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत मध्यम दूरी की एंटी-एयर और सरफेस गन, ऑप्टिकली नियंत्रित क्लोज-रेंज रैपिड फायर गन सिस्टम, टारपीडो और रॉकेट शामिल हैं।