देहरादून। भारत में कुश्ती के खेल को बढ़ावा देने के लिए ईरान कल्चरल हाउस ने इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फोर्स स्पोर्ट्स ईरान के सहयोग से ईरान कल्चरल हाउस में कुश्ती और व्यायाम कार्यक्रम का आयोजन किया।
ईरान के सांस्कृतिक परामर्शदाता डॉ. फरीद फरीदअस्र ने उद्घाटन भाषण में अतिथियों का स्वागत किया और सभी पहलवानों को बधाई दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत में ईरान के राजदूत डॉ. इराज इलाही और तस्मिया सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. सैयद फारूक ने भाग लिया।
इस अवसर पर भारत और ईरान के 10 से अधिक पहलवानों ने भाग लिया और कुश्ती और खेल में अपने कौशल दिखाकर प्रतिभागियों का मनोरंजन किया। डॉ. फरीद फरीद अस्र ने कहा कि ईरान अपनी सभ्यता और संस्कृति के कारण पूरी दुनिया में एक अलग पहचान रखता है, जिसका एक हिस्सा जोर है।
ईरानी राजदूत ने कहा कि ज़ोरखानेह ईरान की सभ्यता और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत के साथ मिलकर इस प्राचीन खेल को बढ़ावा देने के लिए आज जो पहल की गई है, वह सराहनीय है।
डॉ. सैयद फारूक ने कहा कि कुश्ती हमारे देश की आन-बान और शान है जिसे हमें बढ़ावा देना है। भारत के साथ खेल को बढ़ावा देने के लिए आज की गई पहल सराहनीय है।
एसोसिएशन ऑफ ज़ोरखानेह इंडिया के उपाध्यक्ष कुलजीत खोली ने कहा कि खेल में बहुत अधिक रुचि देखकर अच्छा लगता है और यह कुश्ती के समान है। उन्होंने कहा कि इस खेल के लिए हमने फिलहाल दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से नौ युवाओं का चयन किया है और आने वाले दिनों में हम ज़ोरखानेह के लिए पूरे भारत से युवाओं का चयन करेंगे।