नई दिल्ली: महंगाई की बढ़ती चिंताओं के बीच सेविंग का महत्त्व बढ़ रहा है. ऐसे में निवेश के रूप में पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में पैसा लगाने पर जनता का भरोसा बढ़ रहा है. मनी9 के लेटेस्ट सर्वे में पता चला है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सेविंग करने वाले परिवारों की संख्या में वृद्धि हुई है. 2022 में जहां 70% परिवार सेविंग करते थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 88% तक पहुंच गया है.
पैसा जमा करने पर लोगों का फोकस
इसके साथ ही सेविंग करने वाले परिवारों की संख्या के साथ-साथ भारतीय लोगों के बचत के तरीकों में भी परिवर्तन आया है. हाल के आंकड़ों से साबित हुआ है कि बैंक में जमा करने वालों की संख्या 2022 की तुलना में 77% तक बढ़ गई है, जो कि 64% थी. बैंकों में सेविंग बढ़ने का एक कारण यह भी है कि जमा पर मिलने वाला ब्याज अधिक है. इसमें रिजर्व बैंक का एक फैसला भी हो सकता है, जिसमें उन्होंने 2000 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा करने की घोषणा की थी. इसके परिणामस्वरूप लोगों ने अपने घर में रखे नोट बैंकों में जमा किए हैं.
सर्वे में दिखाया गया है कि परिवार अब ज्यादा बीमा खरीद रहे हैं. यह बदलाव कोरोना के बाद देखने को मिला है. पिछले साल 19% परिवार बीमा खरीदते थे, जबकि 2023 के सर्वे में यह आंकड़ा 27% तक पहुंच गया है. इसलिए बीमा का आंकड़ा तेजी से बढ़ता दिख रहा है.
सेविंग का नया ट्रेंड बना पोस्ट ऑफिस
सेविंग में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जो डाकघर की सेविंग स्कीम्स को दिखाता है. पोस्ट ऑफिस की अलग-अलग छोटी सेविंग स्कीम में पैसा जमा करने वाले परिवारों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो 2022 के 21% से बढ़कर 2023 में 31% तक जा पहुंचा है. इसमें एक मुख्य कारण यह है कि छोटी सेविंग योजनाएं डाकघर के माध्यम से चलाई जाती हैं, जो कि ब्याज भी अच्छा प्रदान करती है. बता दें कि सोने में निवेश करने वाले परिवारों की संख्या भी 15% से बढ़कर 21% हो गई है.