बेंगलुरु. भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 ने मंगलवार को एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया. इसी साल जनवरी अपने निर्धारित स्थान सूर्य-पृथ्वी के एल1 बिंदू तक पहुंचने के बाद आज इस मिशन ने एल-1 बिन्दू की हेलो कक्षा की अपनी पहली परिक्रमा पूरी की. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तरफ से यह जानकारी दी गई. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि मंगलवार को कक्षा में स्थिर रखने के लिए फेरबदल किया गया ताकि यान का दूसरी हेलो कक्षा में बिना किसी रुकावट के मूवमेंट सुनिश्चित किया जा सके.
आदित्य-एल1 मिशन लैग्रेंजियन बिंदू एल1 पर स्थित एक भारतीय सौर ऑब्सर्वेटरी है. इसे दो सितंबर 2023 को पृथ्वी से अंतरिक्ष में भेजा गया था. यह इसी साल चार जनवरी 2024 को अपने लक्षित हेलो कक्षा में स्थापित किया गया. इसरो के अनुसार हेलो कक्षा में आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को एल1 बिंदू के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगते हैं.
इसरो ने बताया कि हेलो कक्षा में अपनी यात्रा के दौरान आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान विभिन्न विरोधक बलों के संपर्क में आएगा, जिसके कारण वह लक्षित कक्षा से बाहर चला जाएगा. एजेंसी ने बताया, ‘‘आदित्य-एल1 को इस कक्षा को बनाए रखने के लिए क्रमशः 22 फरवरी और सात जून को दो बार उसके मार्ग में फेरबदल किया गया. आज के तीसरे अभ्यास ने यह सुनिश्चित किया है कि एल1 के चारों ओर दूसरे हेलो कक्षा में इसकी यात्रा जारी रहे.’’ इसरो ने बताया, ‘‘आज के फेरबदल के साथ, आदित्य-एल1 मिशन के लिए यूआरएससी-इसरो में विकसित अत्याधुनिक उड़ान गतिशीलता सॉफ्टवेयर पूरी तरह से स्थापित हो गया है.’’