नई दिल्ली: बुधवार को भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया. इस उड़ान परीक्षण ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया है. अब भारत ज्यादा से ज्यादा हथियारों को अपने देश में ही तैयार करने की कोशिशों में लग गया है, ताकि डिफेंस एक्सपोर्ट पर होने वाले खर्च को कम किया जा सके. बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम के परिक्षण के दौरान 5,000 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन की मिसाइलों से बचाव की विकसित क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया.
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस मिसाइल परिक्षण को लेकर रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस टेस्ट के दौरान सभी लक्ष्यों को पूरी तरह से हासिल किया गया. इस परिक्षण ने भारत के डिफेंस सिस्टम को और मजबूत बना दिया है. इसके अलावा डिफेंस मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के चांदीपुर स्थित ‘इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज’ (ITR) में बुधवार को शाम के समय किया गया. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल उड़ान परीक्षण को लेकर ‘डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन’ (DRDO) की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी.
राजनाथ सिंह बोले कि इस टेस्ट ने एक बार फिर भारत की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस क्षमता का प्रदर्शन किया है. अब भारत हवा में ही दुश्मन की मिसाइल को नष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम है.
इंटरसेप्टर सिस्टम को किया गया एक्टिव
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई कि टारगेट मिसाइल की टेस्टिंग शाम को करीब 4 बजे हुई. जिसमें की बैलिस्टिक मिसाइल के प्रारूप को लॉन्च किया गया. इसके आगे बताया गया दूसरे चरण में एडी एंडो-एटमॉस्फेरिक मिसाइल को अपराह्न चार बजकर 24 मिनट पर चांदीपुर स्थित आईटीआर के एलसी-3 से दागा गया. इसका टेस्टिंग के मकसद से निम्न बाह्य-वायुमंडलीय क्षेत्रों की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के कई प्रकार के बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को रोका जाएगा.