देहरादून: जो लोग बिजली की ज्यादा खपत करते हैं, उनके लिए बिजली की बचत करने का समय आ गया है। ऊर्जा निगम एक बार फिर बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने जा रहा है। इसे लेकर उत्तराखंड नियामक आयोग में याचिका दायर की गई है। ऊर्जा निगम के अधिकारी महंगी बिजली खरीद के कारण घाटा होने की बात कह रहे हैं। घाटे की भरपाई के लिए ऊर्जा निगम ने 12.27 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है। बता दें कि इससे पहले ऊर्जा निगम अप्रैल में विद्युत दरों में 2.68 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। देशभर में बिजली संकट है, इसमें दोराय नहीं, लेकिन फिजूलखर्ची और भ्रष्टाचार के लिए बदनाम ऊर्जा विभाग इस घाटे की भरपाई उपभोक्ताओं से करना चाहता है। विभाग न तो अपनी कार्यशैली में बदलाव ला रहा है न ही लाइन लॉस और बिजली चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम ही उठाए जा रहे हैं।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार के मुताबिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से कुछ विद्युत गृह बंद पड़े हैं। बिजली की कमी को पूरा करने के लिए एक्सचेंज से 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीद की जा रही है, जबकि बिजली की परिवर्तनशील लागत 4.80 रुपये प्रति यूनिट मानी गई है। इस साल अप्रैल से सितंबर तक 922 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली की खरीद का अनुमान है। जिसकी रिकवरी के लिए याचिका दायर की गई है। बिजली की दरों में 12.27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा गया है। जिसके तहत बीपीएल उपभोक्ताओं पर 0.25, घरेलू पर 0.50 रुपये और कमर्शियल पर 0.75 रुपये प्रति यूनिट अतिरिक्त भार पड़ेगा। विद्युत नियामक आयोग के सचिव नीरज सती के मुताबिक टैरिफ रिविजन के लिए दोबारा जन सुनवाई समेत पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कारण जायज हुआ तो दाम में वृद्धि हो सकती है।