जयपुर। पुलिस ने जब सोमवार को गलता गेट पर हुई डकैती का खुलासा किया, तो सोशल मीडिया पर नांगल जैसा बोहरा के रहने वाले लोग स्तब्ध रह गए। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि मासूम चेहरे वाली निशा जयपुर में हुई सवा करोड़ की डकैती की सूत्रधार थी। दो महीने से निशा यहां रह रही थी। इस दौरान उसने आस-पास के लोगों से ज्यादा संपर्क तो नहीं किया, लेकिन उसे एक आम ग्रहणी की तरह आते-जाते देखा गया था।
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा ने बताया कि दिल्ली निवासी निशा पांचाल नांगल जैसा बोहरा में दो महीने से रह रही थी। निशा यहां अपने जीजा संजय पांचाल के साथ रह रही थी। निशा ने पड़ोस में संजय को ही अपना पति बता रखा था। जिससे उसे आसानी से कमरा किराए पर मिल गया।
निशा का यहां आने का उद्देश्य आटा व्यवसायी सत्यनारायण तांबी के घर की रैकी करना था। इसके साथ ही डकैती के लिए संसाधन जुटाना और गैंग के खाने-पीने की व्यवस्था करना था। सूत्रों के अनुसार निशा कई बार पीड़ित व्यवसायी के घर के आस-पास भी गई थी। इस दौरान उसने पूरे इलाके की छानबीन कर ली नक्शा बना लिया था। जिससे वारदात के बाद डकैतों को भागने में आसानी रही। पूछताछ में निशा ने इस काम के लिए एक लाख रुपए मिलना बताया है। वहीं पुलिस को शक है कि निशा को डकैती में एक बड़ा हिस्सा मिला है।
यह है मामला
गत 24 अगस्त को नागतलाई निवासी आटा कारोबारी सत्यनारायण तांबी के परिजन को बंधक बनाकर डकैती डाली गई थी। इस वारदात के दौरान डकैत 50 लाख रुपए व एक किलो सोने व दो किलो चांदी के जेवर ले गए थे, जिनमें से पुलिस ने 9 लाख रुपए, लाखों रुपए कीमत के जेवर और वारदात में काम ली गई दो कार बरामद की हैं। पुलिस अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं।
ये हुए गिरफ्तार
मूलत: अलवर के खैरथल हाल दिल्ली निवासी डकैत अमन सिंह उर्फ जमन सिंह सिकलीगर सिख, दिल्ली निवासी संजय पांचाल, अशोक कुमार पांचाल, निशा पत्नी सचिन पांचाल, दिल्ली निवासी कपड़ा व्यापारी रेहान उर्फ लीलू खां, जयपुर के रामगंज स्थित चीतो वालों का मोहल्ला निवासी (बिजली रिपेयरिंग करने वाला) मुजफ्फर अली और रामगंज स्थित घोड़ा रोड निवासी लोडिंग टेम्पू चालक वसीम उर्फ समीरउल्ला पठान को गिरफ्तार किया।