विकास शुक्ला की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
उमरिया। बाघों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व आए दिन अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहता हैं। बाघों की रक्षा और उनकी देखभाल के लिए बनाया गया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अब उनके उत्पीड़न का केंद्र बन रहा है। और यह सब उन बड़े अधिकारियों की शह पर हो रहा है जो इनकी रक्षा के लिए हर वर्ष सरकार से लाखों रुपये की सैलरी लेते हैं। अपने चहेतों को खुश करने के लिए अधिकारी जायराइडर के नाम पर बाघों के साम्राज्य पर दखलदांजी कर रहे हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लचर व्यवस्था और भ्रष्टाचार के कारण आए दिन सुर्खियों में रहता हैं। सरकारें टाइगर रिजर्व में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कितने ही कठोर कदम उठाएं पर अधिकारी व कर्मचारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। सरकार से मोटी सैलरी और भत्ते लेने बावजूद ये कर्मचारी कहीं न कहीं से काली कमाई का जरिया बना ही लेते हैं। ये ही एक मामला बीटीआर में देखने को मिला। जहां सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाकर जायराइडर के नाम पर चहेतों को टाइगर शो कराया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह मगधी जोन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन टी42 अपने शावकों के साथ शिकार खा रही थी की। इस बीच आगरा लाज में ठहरे पर्यटक आकाश नागर एवं अन्य नौ पर्यटक जिप्सी क्रमांक एमपी 54टी7032 एवं एमपी54टी1107 में बैठ कर आए। जहां पर इन पर्यटकों के लिए हाथी की स्पेशल व्यवस्था की गई थी। इन स्पेशल हाथियों के जरिए चहेते पर्यटकों को प्रतिबंधित और नियमविरुद्ध टाइगर शो जॉइराइड कराया गया। सूत्रों की माने तो पर्यटकों को जिस बाघिन को दिखाया जा रहा था वह बाघिन पहले से ही चोटिल है। इसकी पुष्टि कुछ ड्राइवर एवं गाइड कर चुके हैं। जंगल में घायल बाघिन किसी तरह से अपने बच्चों के साथ पल रही है।
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सूत्रों का दावा है की टी42 कई बार अन्य बाघों से अपने बच्चों के बचाव में फाइटिंग करके घायल हो चुकी है। जिसका इलाज पार्क प्रबंधन के द्वारा कई बार कराया जा चुका है। पर हाल फिलहाल किसी भी अधिकारी के अंदर बांधवगढ़ में उपरोक्त बाघिन दर्द को लेकर कोई संवेदना नहीं है। महज कुछ सिक्कों के लिए इस घायल बाघिन के दर्द को दरकिनार कर जाइराइड के नाम पर टाइगर शो कराया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार एक पर्यटक पिछले कई हफ्तों से हाथी के लिए इसलिए प्रयास कर रहा है कि उसे जॉइराइड की सफारी दे दी जाए। इस पर हाथी प्रभारियों द्वारा यह बताया गया कि क्षेत्र संचालक के द्वारा हाथी जॉयराइड सफारी प्रतिबंधित है। यदि दी भी जाएगी तो हाथी केवल निर्धारित मार्ग पर जाएगा। यदि कोई बाघिन शिकार पर अपने बच्चों के साथ है तो वहां हाथी नहीं जा सकता। ग़ौरतलब है कि यदि भारत सरकार के राज्यपत्र, एनटीसीए के गाइड लाइन को माने तो हाथी से किसी प्रकार किसी एनिमल की फोटोग्राफी नहीं कराई जा सकती और यदि बाघिन किल पर बच्चों के साथ बैठी हो तो उसको किसी प्रकार से परेशान नहीं किया जा सकता है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र के पर्यटन अधिकारियों द्वारा इस बात की बिल्कुल चिंता जाहिर नहीं की जा रही है कि बाघों के जीवनयापन पर क्या असर पड़ेगा?
क्या कहते हैं अधिकारी?
मुझे पर्यटन प्रभारी ने इस संबंध में जानकारी दी है, जॉइराइड के दौरान टाइगर शो नहीं किया जा सकता और यदि ऐसा किया गया तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अनिल शुक्ला, उपवन मंडलाधिकारी एवं पर्यटन अधिकारी, बीटीआर