नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को महाराष्ट्र और हरियाणा में बड़ा झटका लगा था। इसके चलते कांग्रेस उम्मीद कर रही थी कि दोनों ही राज्यों में उसकी और INDIA गठबंधन की सरकार बनेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हरियाणा में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की और महाराष्ट्र में महायुति को प्रचंड बहुमत मिला। इसके चलते कांग्रेस पार्टी में काफी बेचैनी है।
चुनाव नतीजों के बाद से एक तरफ जहां पार्टी का एक वर्ग EVM को टारगेट कर रहा है, तो वहीं एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है, जो कि EVM के लॉजिक से सहमत नहीं है। इसकी वजह पार्टी का आंतरिक सर्वे है।
कांग्रेस के लिए हैरानी की बात नहीं?
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कई ने कहा है कि महाराष्ट्र में हार से पार्टी को ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए और न ही यह कांग्रेस के लिए कोई हैरान करने वाली बात है। उन नेताओं ने यह भी बताया कि चुनावों से पहले कि
महाराष्ट्र में कांग्रेस विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है। कांग्रेस पार्टी के ही कई नेताओं ने दबे मुंह यह भी कहा है कि पार्टी के सर्वे में यह सामने आ गया था कि जो बढ़त एमवीए को 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली थी, कांग्रेस उसे बरकरार रखने में विफल हो सकती है।ए गए आंतरिक सर्वे में इसके संकेत मिल गए थे।
कांग्रेस के इंटरनल सर्वे ने बढ़ा दी थी कांग्रेस की टेंशन
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी और वोटिंग से लगभग चार हफ्ते पहले अक्टूबर में 103 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने एक आंतरिक सर्वे किया था। इसमें पता था चला था कि एमवीए लोकसभा की बढ़त को बरकार रहने में विफल हो सकता है।
इस सर्वेक्षण के अनुसार, 103 मजबूत एमवीए सीटों में से एमवीए केवल 44 पर आगे थी, जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान यह 54 सीटों पर आगे थी।
मुस्लिम के अलावा कहीं नहीं मिल रही बढ़त
कांग्रेस के सर्वे में यह सामने आया था कि बीजेपी की अगुवाई वाला महायुति गठबंधन 49 सीटों पर आगे चल रहा था। वहीं कुछ सीटों पर अनिश्चितता की स्थिति थी। इस सर्वेक्षण ने निष्कर्ष निकाला कि मुस्लिम ही एकमात्र ऐसा वर्ग है, जहां MVA को NDA के खिलाफ बढ़त हासिल है।
इसके अलावा अन्य सभी वर्ग कांग्रेस के सर्वे में महायुति की ओर जाते दिख रहे थे। सामान्य, ओबीसी, एसबीसी, एससी, एसईबीसी, एसटी, महायुति एमवीए से आगे है।
लड़की बहन योजना ने बदल दिए समीकरण
सर्वे तक अपनी पहुंच रखने वाले कांग्रेस के नेता ने कहा कि हमें पता था कि हम पिछड़ रहे हैं। अंत में हमें ठीक-ठाक अंदाज़ा हो गया था कि महायुति आगे हैं लेकिन उनकी जीत और हमारी हार के पैमाने ने हमें चौंका दिया है। कांग्रेस पार्टी के आंतरिक सर्वे में यह सवाल था कि क्या आप लड़की बहन योजना के बारे में जानते हैं।
हार के बाद इंडिया गठबंधन पर फूटा कांग्रेस नेता का गुस्सा
सर्वे में जवाब देने वाले 57,309 में से 88 प्रतिशत ने इसका सकारात्मक जवाब दिया। 82 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके परिवार में इस योजना का कोई न कोई सदस्य लाभार्थी जरूर है। वहीं 17 प्रतिशत ने कहा कि इस योजना के कारण उनकी मतदान प्राथमिकता बदल गईं।
कांग्रेस ने योजना का पैसा बढ़ाने पर की थी चर्चा
कांग्रेस की बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया कि हमारे घोषणापत्र को अंतिम रूप देने के लिए आयोजित एक बैठक में हमारे रणनीतिकार ने हमें बताया कि लड़की बहन योजना को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि MVA महिलाओं को जवाब के तौर पर 3000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता देने का वादा करे।
कांग्रेस के नेता ने क्यों दिया निर्दलीय को समर्थन?
अब अहम बात यह है कि जब तक महाविकास अघाड़ी की तरफ से ऐलान होता, तब तक तो मायाहुति ने गेम पलट दिया था। महायुति की सरकार ने लड़की बहन योजना के तहत 1,500 रुपये प्रति माह की किस्त को संशोधित करके 2,100 रुपये प्रति माह करने का वादा कर दिया था, जिससे महायुति को ज्यादा फायदा मिल गया।
EVM पर जानबूझकर हार का ठीकरा फोड़ रही कांग्रेस?
एक अन्य कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि लीडरशिप जानती थी कि MVA की लोकसभा वाली बढ़त खत्म हो रही है और उसे मुश्किलें आ रही है। उन्हें यह भी पता था कि महायुति को ज्यादा समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि एमवीए के नेताओं को यह मालूम होने लगा था कि महायुति को महिलाओं के बीच ज्यादा समर्थन मिल रहा था।
Ballot Paper से इलेक्शन करवाने की मांग उठा सकती है कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा कि सबकुछ जानते हुए भी हम यानी कांग्रेस ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ रही है, क्योंकि पार्टी और राज्य स्तर के नेताओं के लिए यही एक बहाना चुनावी हार को लेकर बात करने के लिए लिहाज से अनुकूल दिखता है। उन्होंने कहा कि यह अपनी गलती से बचाने वाला सटीक स्पष्टीकरण है।