नई दिल्ली: शेयर बाजार में जब गिरावट शुरू हुई थी, तब विदेशी निवेशकों का भारत से पैसा निकालना मुख्य कारण बताया गया था. अब आज 5 ट्रेडिंग सेशन के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेजी देखी गई है. अभी तो इस तेजी का मेन कारण बैंकिंग कंपनियों के तिमाही नतीजों का सामने आना है, लेकिन अगर भारत को लेकर विदेशी निवेशकों की प्लानिंग सफल हो जाती है तो यह तेजी आगे भी जारी रह सकती है.
भारत में स्विस कंपनियों, जैसे इंजीनियरिंग समूह ABB और परिवहन फर्म Kuehne+Nagel का निवेश तेजी से बढ़ रहा है. जल्द 100 बिलियन डॉलर के क्षेत्रीय व्यापार सौदे के होने उम्मीद की उम्मीद है. यानी अगर यह डील हो जाती है तो भारत में लगभग 84 लाख करोड़ रुपए का निवेश हो सकता है. निवेशक भारत को चीन की तुलना में बेहतर विकल्प के तौर पर देख रहे हैं. यह बदलाव अमेरिका-चीन व्यापार विवाद के बीच भारत की बढ़ती अपील को दर्शाता है, खासकर जब चीनी अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो रही है.
इन कारोबारियों को हो सकता है फायदा
मार्च में स्विस मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ साइन बिजनेस डील और आर्थिक भागीदारी (TEPA) समझौते से स्विस निवेश को और प्रोत्साहन मिलने की संभावना है. इस समझौते से चॉकलेट, घड़ियों और मशीनरी के निर्यात पर टैरिफ में कमी आएगी. EFTA के सदस्य नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन हैं. भारत को उम्मीद है कि इस सौदे से फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ों और मशीनरी के अपने निर्यात में वृद्धि होगी.
ABB के सीईओ मोर्टन विएरोड ने कहा कि भारत में उनकी कंपनी के ऑर्डर में औसतन 27% की वृद्धि हुई है. ABB अब भारत में अपने कारखानों, कार्यालयों और शोरूम का विस्तार कर रहा है, जिससे कर्मचारियों की संख्या 6,000 से बढ़कर 10,000 हो गई है. भारत के विकास ने स्विस कंपनियों की रुचि को बढ़ाया है, और IMF के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर 2025 में 6.5% रहने का अनुमान है, जो चीन से अधिक है.
क्यों चीन से भारत आना चाहते हैं निवेशक?
TEPA के तहत, 94.7% निर्यात पर टैरिफ को घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव है, जिससे स्विस कंपनियों को भारत में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा. स्विस-इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष फिलिप रीच ने कहा कि चीन में व्यापार करना कठिन हो गया है, और कई स्विस कंपनियां अब भारत की ओर आकर्षित हो रही हैं.
Kuehne+Nagel ने अपने भारतीय वर्कफोर्स को 2,850 से बढ़ाकर 4,800 किया है और नए लॉजिस्टिक्स केंद्र खोलने की योजना बना रहा है. स्विस ट्रेड प्रमोशन एजेंसी के फ्लोरिन म्यूलर ने कहा कि TEPA स्विस कंपनियों के लिए भारत को मानचित्र पर लाएगा, जिससे निवेश के लिए अवसर बढ़ेंगे.
हालांकि भारत में स्विस निर्यात अभी भी मामूली है, लेकिन उम्मीद है कि यह तेजी से बढ़ेगा. फीनटूल जैसी छोटी फर्में भी भारत में नए कारखाने स्थापित कर रही हैं, जिससे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों की मांग को पूरा किया जा सकेगा. इस प्रकार, भारत का विकास स्विस कंपनियों के लिए एक नया अवसर बनता जा रहा है.