नई दिल्ली: इजरायल ने सिर्फ ईरान पर ताबड़तोड़ हमले नहीं किए बल्कि एक ही रात में इराक और सीरिया के कई ठिकानों को भी तबाह किया. ईरान एयर डिफेंस ने माना है कि इजरायल ने तेहरान, कुजेस्तान और इलम प्रांत में कुछ मिलिट्री ठिकानों के हिस्से को टारगेट किया है.
तीन ईरानी अधिकारियों और तीन वरिष्ठ इजरायली रक्षा अधिकारियों के अनुसार, इजरायल के हमलों के दौरान कई महत्वपूर्ण तेल और पेट्रोकेमिकल रिफाइनरियों की सुरक्षा के तैनात एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह तबाह हो गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, इजरायल द्वारा लक्षित ठिकानों में जो एयर डिफेंस तबाह हुए हैं वो खुज़स्तान प्रांत में स्थित बंदरगाह विशाल इमाम खुमैनी पेट्रोकेमिकल परिसर, उसके निकट स्थित प्रमुख आर्थिक बंदरगाह बंदर इमाम खुमैनी और अबादान तेल रिफाइनरी की सुरक्षा के लिए तैनात थे.
एयर डिफेंस सिस्टम तबाह होने से बड़ी ईऱान की टेंशन
अधिकारियों ने बताया कि इलम प्रांत में गैस क्षेत्र की रिफाइनरी, जिसे तांगे बिजार कहा जाता है, वहां भी एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला किया गया है. इनमें से एक ईरान के तेल मंत्रालय से जुड़ा हुआ है. हमलों से परिचित ईरानी और इजरायली अधिकारियों ने खुफिया जानकारी पर चर्चा करने के लिए नाम न छापने की शर्त पर बात की. तीनों ईरानी अधिकारियों ने कहा कि इजरायल द्वारा एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने से ईरान बेहद चिंतित हो गया है क्योंकि यदि ईरान और इजरायल के बीच प्रतिशोध दौर जारी रहता है तो फिर भविष्य में और भी महत्वपूर्ण ऊर्जा और आर्थिक केंद्र अरसुरक्षित हो जाएंगे.
ईरान के तेल और गैस उद्योग के विशेषज्ञ और ईरान-इराक चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य हामिद हुसैनी ने कहा, “इज़राइल हमें एक स्पष्ट संदेश भेज रहा है.इससे ईरान के लिए बहुत गंभीर आर्थिक परिणाम हो सकते हैं, और अब जब हम दांव पर लगे खतरों को समझ गए हैं तो हमें समझदारी से काम लेना चाहिए और तनाव को जारी नहीं रखना चाहिए.”
बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा
आपको बता दें कि इजरायली हमले के बाद ईरान की सेना ने बताया था कि हमले में एयर डिफेंस सिस्टम में काम करने वाले चार सैनिक मारे गए हैं. वहीं ईरानी मीडिया ने कहा कि हताहतों की संख्या शायद बढ़ सकती है. दो सैनिकों की पहचान बंदर इमाम खुमैनी पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के नज़दीकी आवासीय शहर महशहर के मूल निवासी के रूप में की गई है.
जब इज़रायल ईरान पर हमले की योजना बना रहा था, तो तब अमेरिका ने उससे ईरान की किसी भी ऊर्जा और तेल साइट या परमाणु सुविधाओं पर हमला न करने का आग्रह किया था. अमेरिका को डर था कि ऐसी मूल्यवान साइटों पर हमले ईरान की प्रतिक्रिया को बढ़ा सकते हैं, वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर सकते हैं और इससे एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध शुरू हो सकता है. उस युद्ध में अमेरिका भी शामिल हो सकता है. इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को अपने हमलों में, इज़रायल ने अंततः कई ऊर्जा सुविधाओं के आसपास तैनात एयर डिफेंस पर हमला करने का फैसला किया, लेकिन सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया.
यूएन पहुंचा ईरान
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची सहित ईरानी अधिकारियों ने मीडिया और राजनयिक बैठकों में क्षेत्रीय अरब समकक्षों से बार-बार कहा था कि ईरान ऊर्ज ढांचे पर हमले का मतलब होगा रेड लाइन क्रॉस करना और अगर हमला हुआ तो ईरान जोरदार तरीके से जवाब देगा. अराघची ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र भेजा जिसमें इजरायल की निंदा करने और उसके हमले को “गैरकानूनी और आक्रामक” और ईरान की “संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ” बताया.
ईरानी सशस्त्र बलों ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि इजरायल के हमलों ने खुज़ेस्तान, इलम और तेहरान में रडार, एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया, जिससे मामूली क्षति हुई. बयान में कहा गया कि मरम्मत का काम चल रहा है और ईरानी वायु रक्षा ने अधिकांश इजरायली मिसाइल और ड्रोन को बेअसर करने में सफलता प्राप्त की थी.
तीनों इजरायली अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को जिन लक्ष्यों पर हमला किया गया उनमें कमांड-एंड-कंट्रोल ट्रेलर, साथ ही रडार सिस्टम भी शामिल थे. इजरायल के आकलन के अनुसार, एयर डिफेंस सिस्टम गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और निष्क्रिय हो गए. अधिकारियों में से एक ने कहा कि हमले के बाद सैटेलाइट इमेजरी से पता चला कि इजरायल ने पास के औद्योगिक परिसर को छोड़कर इमाम खुमैनी पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की केवल वायु-रक्षा बैटरी को निशाना बनाया है.
ईरानी सेना ने अपने बयान में कहा कि इज़राइली लड़ाकू विमानों ने ईरान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया और इराक के हवाई क्षेत्र से मिसाइलों और ड्रोन को दागा था. सेना ने इराकी हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया. संयुक्त राष्ट्र में तैनात ईरान के मिशन ने अमेरिका पर “इस अपराध में मिलीभगत” का आरोप लगाया. वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि ईरान के खिलाफ इजरायल के हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी.
ईरानी और इजरायली अधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा स्थलों के आसपास की सुरक्षा पर हमला करने के अलावा, इजरायल के हमलों ने प्रभावी रूप से चार एस-300 एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया है, जिन्हें ईरान ने रूस से खरीदा था. ईरानी और इजरायली अधिकारियों के अनुसार, वायु रक्षा प्रणालियों के अलावा इजरायल ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स से संबंधित तीन प्रमुख मिसाइल निर्माण ठिकानों – फलाग, शैद ग़दीरी और अब्दुल फ़तह पर भी हमला किया गया.
इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि हमलों ने ईरान की मिसाइल बनाने की क्षमता को नुकसान पहुंचाया है. हालांकि ईरानी अधिकारियों ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि नुकसान मामूली था और झटके अल्पकालिक थे.