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आईपीएल में ‘इम्पैक्ट प्लेयर नियम’ सही या गलत? दिग्गजों के बीच छिड़ी बहस

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
16/05/24
in खेल संसार
आईपीएल में ‘इम्पैक्ट प्लेयर नियम’ सही या गलत? दिग्गजों के बीच छिड़ी बहस
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नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में इस समय रोमांचक मुकाबलों से ज्यादा चर्चा ‘इम्पैक्ट प्लेयर नियम’ की हो रही है. यह नियम पिछले यानी 2023 सीजन से ही लागू किया गया है. मगर अब यह सभी के लिए चर्चा का विषय बन गया है. कई दिग्गजों ने इस नियम की आलोचना की है. जबकि ज्यादातर ने इसका सपोर्ट भी किया है.

आलोचना करने वाले दिग्गज इस नियम को गलत बता रहे हैं. उनका कहना है कि यह नियम ऑलराउंडर्स की भूमिका को खत्म कर रहा है. जबकि सपोर्ट करने वाले इस नियम को सही ठहरा रहे हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह, पूर्व भारतीय दिग्गज रवि शास्त्री, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग समेत कई इस बहस में शामिल हैं. आइए जानते हैं कौन क्या कहता है…

भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने इस नियम का सपोर्ट किया है. उन्होंने कहा है कि इससे करीबी यानी रोमांचक मुकाबले देखने को मिलते हैं. शास्त्री ने कहा, ‘जब कोई नया नियम आता है तो ऐसे लोग होंगे जो यह बताने की कोशिश करेंगे कि यह सही क्यों नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन समय के साथ, जब आप स्कोर देखते हैं (200 और 190 रन) और फिर कुछ खिलाड़ियों ने उस अवसर का अधिकतम लाभ उठाया, तो लोग इसके बारे में अपनी सोच पर फिर विचार करने लगेंगे.’ शास्त्री ने नियम का समर्थन करते हुए कहा कि खेल को समय के साथ विकसित होना होगा.

रवि शास्त्री

शास्ती ने अश्विन के यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘इम्पैक्ट प्लेयर (नियम) अच्छा है. आपको समय के साथ विकसित होना होगा. यह अन्य खेलों में भी होता है. इससे करीबी मुकाबले मिले हैं. मुझे लगता है कि यह एक अच्छा नियम है. आपने देखा कि पिछले साल के आईपीएल में हमने कितने करीबी मुकाबले देखे. इससे एक बड़ा अंतर आया है.’

ये नियम स्थायी नहीं है: BCCI सचिव जय शाह

हालांकि BCCI सचिव जय शाह ने हाल ही में कहा था कि यह नियम स्थायी नहीं है. भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल और तेज गेंदबाज मुकेश कुमार भी इस नियम को लेकर नाखुशी जता चुके हैं.

इस IPL 2024 सीजन में 37 से ज्यादा बार 200 या इससे अधिक रन बन चुके हैं. जबकि पिछले सीजन में यह आंकड़ा 37 था. ऐसे में BCCI सचिव जय शाह ने कहा है कि अगर IPL के आखिर में हितधारक चाहेंगे तो नियम पर पुनर्विचार किया जा सकता है. बता दें कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम टीमों को मैच के दौरान किसी भी समय टॉस के दौरान घोषित प्लेइंग-11 में से किसी एक खिलाड़ी को बदलने की अनुमति देता है.

इस नियम को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है. जैसे कि भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने इसे ऑलराउंडर के लिए नुकसानदायक बताया है, क्योंकि उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिलता, जबकि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली जैसे कुछ अन्य इसे अच्छा बता रहे हैं.

इम्पैक्ट प्लेयर नियम हटने पर भी बनेंगे बड़े स्कोर

दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग का मानना है कि ये नियम खत्म होने के बाद भी IPL में बड़े स्कोर बनते रहेंगे. पोंटिंग ने DC के बैटिंग कोच प्रवीण आमरे की आत्मकथा ‘जीरो फॉर 5: द थ्रिलिंग क्रिकेट जर्नी ऑफ प्रवीण आमरे’ के विमोचन के दौरान कहा, ‘इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या इम्पैक्ट प्लेयर नियम आईपीएल में बना रहेगा, अगर ऐसा नहीं होता है तो क्या स्कोर फिर से कम बनेंगे? मुझे यह देखने में दिलचस्पी है.’

रिकी पोंटिंग और ऋषभ पंत

पोंटिंग ने कहा, ‘हां, इम्पैक्ट प्लेयर शीर्ष पर मौजूद खिलाड़ी को थोड़ी राहत प्रदान करता है.. लेकिन मुझे लगता है कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज क्रीज पर उतरकर एक निश्चित तरीके से खेलने के आदी हैं. मेरा मतलब है कि जेक फ्रेजर-मैकगर्क को एक अलग तरीके से खेलने के लिए कहने की कोशिश करना या ट्रेविस हेड को थोड़ा रक्षात्मक होने के लिए कहना, ऐसा होने वाला नहीं है.’

टेस्ट में अब भी इन बल्लेबाजों के लिए जगह

पिछले दशक में खेल के विकास के बारे में बात करते हुए पोंटिंग ने, ‘इंग्लैंड अब जिस तरह से खेलने की कोशिश कर रहा है, उसे देखिए, उन्होंने अभी तक इसे बिल्कुल सही तरीके से नहीं किया है. खिलाड़ी बहुत अधिक वनडे या टी20 क्रिकेट खेलकर आए हैं. टेस्ट क्रिकेट में अब भी पारंपरिक शैली के बल्लेबाजों के लिए जगह है, लेकिन यह कम होती जा रही है.’

टिंग ने कहा कि भारतीय सुपरस्टार विराट कोहली और इंग्लैंड के जो रूट पारंपरिक तकनीक वाले कुछ शीर्ष बल्लेबाजों में से हैं. उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 सालों में आधुनिक बल्लेबाजों में बहुत अधिक क्लासिकल तकनीक नहीं है, अब आप सर्वश्रेष्ठ को देखें, जो रूट शायद सबसे पारंपरिक शैली वाला क्रिकेटर है. स्टीव स्मिथ थोड़े अलग रहे हैं, मार्नस लाबुशेन अपने खेलने के तरीके के कारण थोड़े अलग रहे हैं, विराट पारंपरिक और तकनीकी रूप से भी बहुत अच्छे हैं लेकिन मुझे लगता है कि थोड़ा बदलाव आया है.

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