नई दिल्ली: लड़के हों या लड़कियां हर कोई अपने पैरों पर खड़े होकर इज्जत से जीने की चाह रखता है। कड़ी मेहनत करने के बाद अच्छी सी नौकरी की चाह हर किसी को होती है और फिर पैरों पर खड़े होकर शादी और परिवार की जिम्मेदारियां। ये बातें जितनी आसानी से लिखी गई, हकीकत में इतनी आसान नहीं। कई जगह अभी भी लड़कियों के लिए नौकरी के बजाय शादी को तवज्जो दी जाती है। लड़कियों के लिए पढ़ाई भी ज्यादा जरूरी नहीं समझी जाती। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने देशभर में युवाओं के बीच सर्वे किया। यह जानना चाहा कि उनकी नजर में लड़कियों के लिए क्या ज्यादा जरूरी है- शादी या नौकरी।
कार्यबल में युवतियों की भागीदारी को लेकर हाल ही में किये गये एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि युवाओं का मानना है कि पढ़ाई के बाद नौकरी महत्वपूर्ण है, शादी नहीं। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के युवा मंच ‘युवाह’ और ‘यू-रिपोर्ट’ ने यह सर्वेक्षण किया,जिसमें देशभर से 18-29 आयु वर्ग के 24000 से अधिक युवक और युवतियों ने अपनी राय रखी।
75 फीसदी लोगों ने माना- नौकरी, एक चौथाई ने शादी की वकालत की
सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार लगभग 75 प्रतिशत युवतियां और युवक मानते हैं कि युवतियों के लिए पढ़ाई के बाद नौकरी पाना सबसे महत्वपूर्ण है। हालांकि इसके विपरीत एक चौथाई से अधिक प्रतिभागियों ने शिक्षा के बाद शादी की वकालत की।
इस सर्वेक्षण को लेकर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का समर्थन करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अब मेहनती, प्रतिभाशाली और ईमानदार महिला कार्यबल का समर्थन करने का समय आ गया है। महिलाएं हमारी आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम 2047 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहे हैं ऐसे में हमें सभी स्तरों पर महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ानी होगी।’’