नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां जमकर पसीना बहा रही हैं और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी हुई हैं, लेकिए इस बीच कांग्रेस की अंदरुनी कलह चर्चा का विषय बनी हुई है. जहां एक ओर पार्टी से सांसद कुमारी सैलजा नाराज बताई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला भी ऐसे बयान दे रहे हैं जो कांग्रेस को असहज कर रहे हैं. उनके बयानों से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को कैथल में एक बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘हर कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है. कुमारी सैलजा जी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी भी मुख्यमंत्री बनना चाहते होंगे. हम तीनों के अलावा यह किसी और का भी अधिकार हो सकता है. अंत में फैसला पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी और राहुल गांधी जी को करना है. वे जो भी फैसला लेंगे, वह हमें स्वीकार्य होगा.’
मनोहर लाल खट्टर फिर उठाए सवाल
हालांकि कुमारी सैलजा का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है और वो मरते दम तक कांग्रेस परिवार में रहेंगी. उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है. दरअसल, केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सैलजा को भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए कहा न्योता दिया था.
वहीं, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुमारी सैलजा को लेकर दोबारा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह उनकी पार्टी का मामला है, आखिर कांग्रेस को कुमारी सैलजा बारे में सफाई क्यों देनी पड़ रही है. इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि कांग्रेस में क्या पक रहा है.
दो खेमो में बंटी हुई है कांग्रेस
दरअसल, हरियाणा कांग्रेस इस समय दो खेमों में बंटी हुई है, एक का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर रहे हैं जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला कर रहे हैं. हुड्डा जहां मुख्यमंत्री पद के लिए स्वाभाविक पसंद लग रहे हैं, वहीं सैलजा ने शीर्ष पद संभालने की इच्छा जताई है. कांग्रेस में आतंरिक कलह उस समय बढ़ी जब हरियाणा कांग्रेस में टिकट बंटवारा हुआ. सैलजा के 8 से 10 समर्थकों को टिकट मिला है. वे कई और सीटों पर टिकट चाहती थीं. साथ ही साथ वह अपने ओएसडी डॉ. अजय चौधरी को भी टिकट नहीं दिला सकी. इसके अलावा वह खुद उकलाना सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं.