नई दिल्ली: एक वक्त था, जब आर्मी को लड़ाई के लिए ग्राउंड ऑपरेशन करने पड़ते थे लेकिन अब ये काम हवाई हमलों और टेक्नोलॉजी से हो रहा है. आज के दौर में जिस देश के पास जितनी एडवांस तकनीक है, वो उतना आगे रहता है. भारत ने भी पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में इज़राइली ड्रोन से क्या तबाही मचाई थी, वो बताने की ज़रूरत नहीं. अब इज़राइल भारतीय सेना को एक और ज़बरदस्त तोहफा दे सकता है.
दरअसल इजरायल की कंपनी ऐसा अचूक हथियार लेकर आई है, जिससे ड्रोन और मोर्टार तो हवा में ही फुस्स हो जाएंगे. इजरायल की नई लेजर तकनीक आधारित हथियार प्रणाली ‘लाइट बीम हार्ड किल न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम’ भारत के लिए एक बड़ा फायदा साबित हो सकती है. इजरायल के पास आयरन बीम लेजर सिस्टम पहले से ही है, जिससे वह दुश्मनों के छक्के छुड़ाता है. अब राफेल ने जो लेजर बीम बनाई है, वह छोटी दूरी के सटीक मारक क्षमता वाली है.
पहले ड्रोन, अब बीम से मरेगा पाकिस्तान
दरअसल इज़राइल और भारत की सेनाओं के बीच तकनीकी साझेदारी और आधुनिक हथियार प्रणालियों का आदान-प्रदान क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है. ऐसे में इजरायल की नई लेजर तकनीक आधारित हथियार प्रणाली गेम चेंजर साबित हो सकती है. चूंकि पहले भी इज़राइल से स्काईस्ट्राइकर कामिकेज़ ड्रोन की तकनीक ली है, ऐसे में भारत इस लेज़र बीम टेक्नोलॉजी के लिए इज़राइल से बात कर सकता है.
गेम चेंजर है ये तकनीक
इजरायल की ये लेज़र तकनीक ड्रोन, मोर्टार, और छोटी मिसाइलों को हवा में ही प्रभावहीन कर देती है. यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ये लेजर बीम प्रणाली छोटी दूरी से उच्च मारक क्षमता के साथ दुश्मन के हथियारों को जाम कर देती है. इसे किसी भी सामान्य वाहन, जैसे 4×4 जीप पर भी फिट किया जा सकता है. यही वजह है कि इसकी तैनाती बेहद आसान होगी. इतना ही नहीं ये हथियार जैमर की तरह भी काम करता है और दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निष्क्रिय कर देता है. इसमें असीमित लेजर बीम होती है, जो रॉकेट की तरह लगातार और तुरंत इस्तेमाल के लिए तैयार होती है.
भारत के लिए क्यों फायदेमंद
पारंपरिक मिसाइल सिस्टम की तुलना में यह लेजर हथियार काफी कम खर्चीला है, जिससे भारत की रक्षा लागत कम हो सकती है. ड्रोन और छोटे हथियारों को तत्काल नष्ट करने की क्षमता भारत की सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करेगी. इस सिस्टम को भारतीय सेना के परिचालन वाहनों पर आसानी से स्थापित किया जा सकता है, जिससे मोबाइल वॉर की क्षमता बढ़ेगी. वहीं आधुनिक तकनीकों के लिहाज से इजरायली टेक्नोलॉजी भारत के लिए बेहतरीन होगी.
नहीं पड़ेगी ब्रह्मोस की भी ज़रूरत
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने अपनी ब्रह्मोस मिसाइल का करिश्मा दिखा दिया है. सोचिए ब्रह्मोस ने जो कहर पाकिस्तान में बरपाया, उसकी ताकत दुनिया ने देखी. रूस में इसे पी-800 ओनिक्स के नाम से जाना जाता है और ये भारत और रूस का ज्वाइंट वेंचर था. इसी तरह अब ये लेज़र बीम तकनीक भारत ने इज़राइल के साथ मिलकर बनानी शुरू कर दी, तो लागत तो कम होगी ही, आसमान ही दुश्मन के पर कतर दिए जाएंगे.