नई दिल्ली: अंतरिक्ष की दुनिया में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर कमाल किया है। इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (Spadex) की सफल अनडॉकिंग को अंजाम दिया है। इसी के साथ इसरो और भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में अपनी ताकत दिखाई है। इसरो ने जनवरी 2025 में Spadex के तहत उपग्रहों की डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी की थी। इसरो ने इसे ऐतिहासिक पल करार दिया था।
Spadex की डी-डॉकिंग पूरी, जितेंद्र सिंह ने दी बधाई
इसरो ने गुरुवार को कहा कि उसने Spadex उपग्रहों की डी-डॉकिंग पूरी कर ली है, जिससे भविष्य के मिशनों जैसे कि चंद्रमा की खोज, मानव अंतरिक्ष उड़ान और अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में उपग्रहों की सफल डी-डॉकिंग की घोषणा की।
सिंह ने कहा, स्पैडेक्स उपग्रहों ने अविश्वसनीय डी-डॉकिंग पूरी कर ली है। इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान 4 और गगनयान सहित भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त होता है। इसरो की टीम को बधाई। और हर भारतीय के लिए खुशी की बात है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निरंतर संरक्षण उत्साह को बढ़ाता है।
स्पैडेक्स मिशन पिछले साल 30 दिसंबर को लॉन्च किया गया था, जब इसरो ने अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रयोग का प्रदर्शन करने के लिए दो उपग्रहों – एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02 को कक्षा में स्थापित किया था। कई प्रयासों के बाद, अंतरिक्ष एजेंसी ने 16 जनवरी को दोनों उपग्रहों को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
क्या है ये मिशन?
बता दें कि जनवरी 2025 में दो छोटे उपग्रहों, एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) को 24 पेलोड के साथ ले जाने वाले पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले ‘लॉन्चपैड’ से उड़ान भरी थी और उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान को लक्षित तरीके से 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था।
इसरो के अनुसार, स्पेडेक्स मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग कर अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है जिसे पीएसएलवी के जरिये लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक तब आवश्यक होती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कई रॉकेट प्रक्षेपण की आवश्यकता होती है।
ऐसा करने वाला भारत बना चौथा देश
यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है। इस मिशन के माध्यम से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है।