रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड यानि सीजीएमएससी के दवा खरीदी में अनियमितता का मुद्दा भी उठा। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि 12 करोड़ की दवाएं खरीद के एक्सपायरी बताकर फेंक दिया गया था। ख़राब दवाओं को नष्ट किया गया। इसके अलावा उन्होंने पूछा कि मलेरिया उन्मूलन के लिए क्या कार्य हुए? उन्होंने बताया कि राज्य में मच्छर, डायरिया, मलेरिया से लोग परेशान हैं।
दवाओं की खरीदी और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े इस सवाल पर सरकार के जवाब से अंसतुष्ट में विपक्ष के विधायकों ने वॉकआउट भी किया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने सदन को बताया कि 86 लाख की दवाई एक्सपाईरी हुई है। संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देती, तो ये स्थिति नहीं होती। सवाल ने असंतुष्ट पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आपत्ति जताई,तो उनके साथ सभी विपक्षी सदस्यों ने वाक आउट किया।
इससे पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में चना वितरण का मुद्दा उठाया। बघेल ने सत्ता पक्ष से पूछा जो चना वितरण हो रहा है, उसका मापदंड क्या है ? उन्होंने जानना चाहा कि यदि चना वितरण हुआ है, उसके गुणवत्ता की जांच की गई है क्या ? इसका जवाब में देते हुए खाद्य मंत्री दयालदास ने बताया कि चना वितरण में देरी हुई है, किंतु चना वितरण जारी है।
बेमेतरा में बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट मामले में भी काफी हंगामा हुआ। श्रम मंत्री ने सदन में पहली बार बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने की घटना को स्वीकार किया। श्रम मंत्री ने बताया 9 श्रमिकों की मौत हुई और 7 घायल हुए है, दुर्घटना की जांच पुलिस ने की है। ज्ञात हो कि इससे पहले तक मौत के स्थान पर गुम होने की बात प्रशासन कह रहा था। सरकार की तरफ से आये जवाब पर विपक्ष जमकर हंगामा मचाया और मौत के आंकड़े छिपाने और कंपनी प्रबंधन का साथ देने का आरोप भी लगाया। ज्ञात हो कि 25 मई 2024 को बेमेतरा जिले में एक फैक्ट्री में ब्लास्ट होने से कई लोगों की मौत होने की खबर ने लोगों को झकझोर दिया था।