Wednesday, May 14, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home राज्य

कांग्रेस में उठा रीजनल पार्टियों से गठबंधन न करने का मुद्दा, जानें क्यों

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
22/12/23
in राज्य, राष्ट्रीय
कांग्रेस में उठा रीजनल पार्टियों से गठबंधन न करने का मुद्दा, जानें क्यों
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

नई दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस एक के बाद एक बड़ी बैठकें कर रही है। पिछले दिनों उसके शीर्ष नेताओं की एक अहम बैठक हुई, जिसमें पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी से लड़ने के लिए रीजनल पार्टियों को एकॉमोडेट करने को कहा। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी तक पार्टी के बड़े नेताओं ने 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता पर जोर दिया। मालूम हो कि कांग्रेस के नेतृत्व में 28 दलों ने विपक्षी गठबंधन इंडिया का भी गठन किया है, जिसकी भी पिछले दिनों दिल्ली में मीटिंग हुई थी।

कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की यह बैठक इसलिए भी अहम थी, क्योंकि हाल ही में उसे मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत चार राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे हिंदी हार्टलैंड में पार्टी को बड़ी हार हुई, जबकि सिर्फ तेलंगाना में ही कांग्रेस की जीत हो सकी है। इन राज्यों के चुनाव को लोकसभा से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा था। पार्टी मध्य प्रदेश में सत्ताविरोधी लहर का फायदा उठाने में कामयाब नहीं हो सकी। चुनाव लड़ने के तौर-तरीके पर भी तब सवाल खड़े होने लगे, जब पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने से भी इनकार कर दिया। रीजनल पार्टियों से अलायंस नहीं करने की चूक का मुद्दा भी सीडब्ल्यूसी की बैठक में उठा।

सूत्रों के हवाले से बताया कि राहुल गांधी ने अपने स्टेट यूनिट्स से बैठक में सवाल किया कि आखिर उन्होंने क्यों बीजेपी को हराने के लिए राज्य के छोटे दलों के साथ गठबंधन नहीं किया या उन्हें समायोजित नहीं किया। मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान कांग्रेस और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की अटकलें लगनी शुरू हुई थीं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। चुनाव के दौरान कमलनाथ ही राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष थे। बाद में उन्हें हटाकर जीतू पटवारी को बनाया गया। सीडब्ल्यूसी की बैठक में कई नेताओं ने इसे कमलनाथ की निरंकुश शैली और फीडबैक या विचारों को स्वीकार करने से इनकार करने का हठ बताया।

कांग्रेस का मानना है कि तीन राज्यों में नुकसान मुख्य रूप से बीजेपी द्वारा वोट इकट्ठा करने के कारण हुआ जो छोटी पार्टियों के पास जाता। मध्य प्रदेश के स्पष्ट संदर्भ में, जहां कमलनाथ ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ गठबंधन की बात को खारिज करते हुए अखिलेश-वखिलेश तक कह डाला था, राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस को छोटे दलों के साथ सीट-बंटवारे पर सहमत होना चाहिए था। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस को दूसरों को समायोजित करने की जरूरत है और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में वोट का हर प्रतिशत मायने रखता है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राहुल गांधी को यह भी लगा कि पार्टी ने तीन राज्यों में ठीक से प्रचार नहीं किया और उन्होंने तेलंगाना का उदाहरण दिया, जहां कांग्रेस ने एक साल पहले ही तीसरे स्थान से उल्लेखनीय वापसी की थी। जब कुछ नेताओं ने तीनों राज्यों में बीजेपी की संगठनात्मक ताकत को उजागर करने की कोशिश की, तो राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 में तीनों राज्यों में जीत हासिल की और बीजेपी अपराजेय नहीं है। इसके बाद, मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कथित तौर पर इस विचार का समर्थन किया और कहा कि पार्टी के व्यापक हित में चार या पांच सीटें छोड़ना कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए था।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.