नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में लोकतंत्र के स्तंभ हिल गए हैं। पहले उनके निशाने पर मुस्लिम समुदाय था, अब दलित आएंगे। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य समुदाय आएंगे। आखिर में यह बीजेपी बनाम सभी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि कांग्रेस के साथ विपक्ष आ रहा है। क्योंकि लोकतंत्र को बचाने के लिए यही एकमात्र उपाय है।
वहीं, इससे पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक को लेकर महबूबा मुफ्ती काफी विवादों में आ गई थी। 15 मार्च को पुंछ के नवग्रह मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के विवाद पर उन्होंने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इसे मुद्दा बनाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने अपने कृत्य को धर्मनिरपेक्ष बताते हुए कहा था कि भारत का लोकाचार और गंगा-जमुनी संस्कृति वाली है।
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महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कोई दोहरे मापदंड नहीं हैं। हम गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाने जाने वाले एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं। यशपाल जी (पीडीपी के पूर्व एमएलसी, जिनका पिछले साल जनवरी में निधन हो गया था) ने एक मंदिर बनवाया था और उनके बेटे चाहते थे कि मैं इस मंदिर को देखूं। पुंछ के लोगों ने मंदिर के लिए उदारतापूर्वक दान दिया, जो बहुत ही सुंदर है। किसी ने मुझे पानी का एक ‘लोटा’ दिया और मुझे इसे शिवलिंग पर डालने के लिए कहा, जो मैंने किया। कोई उपकृत करने से कैसे मना कर सकता है।”
वहीं, इसको लेकर देवबंद के एक मौलवी ने महबूबा मुफ्ती की तीखी आलोचना की है। उन्होंने महबूबा मुफ्ती के शिवलिंग पर जल चढ़ाने को गैर-इस्लामिक बताया है। इसपर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं इसमें नहीं जाऊंगी। मैं अपने धर्म को अच्छी तरह से जानती हूं। यह देश अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है जहां हिंदू और मुसलमान सद्भाव से रहते हैं। यहां मुसलमानों से ज्यादा हिंदू जियारत पर चादर चढ़ाते हैं। यह मेरा निजी मामला है।”