नई दिल्ली। साल 2016 में बिहार में नीतीश कैबिनेट के फैसले पर पूर्ण शराबबंदी कानून लागू हुआ। लेकिन, 8 साल बीत जाने के बाद भी राज्य में शराबबंदी सफल नहीं हो सकी। पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी राज्य में शराब चालू है। गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र के मटनमोड़ इलाके से पुलिस ने डाक पार्सल लिखे एक कंटेनर ट्रक वाहन से भारी मात्रा में विदेशी शराब के बरामद किया। पुलिस ने ट्रक लेकर आए चालक को गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ की जा रही है ताकि तस्करों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि पड़ोसी राज्य झारखंड की ओर से एक कंटेनर ट्रक पर भारी मात्रा में विदेशी शराब डोभी की ओर जा रही है। सूचना को सत्यापित करते हुए पुलिस की टीम ने जब कंटेनर को जांच के लिए रुकवाया तो वाहन चला रहा चालक भागने लगा। इस दौरान सुरक्षा बलों ने उसे खदेड़ कर पकड़ लिया। लेकिन इसके पहले यह ट्रक कई थाना क्षेत्रों को बेधड़क पार किया। किसी ने उसे नहीं पकड़ा।
बॉर्डर पर स्थित बहेरा थाना से कंटेनर पास होने पर उठ रहे कई सवाल
पकड़े गए चालक की पहचान असम राज्य के गुवाहाटी के कामरूप मेट्रो सतगांव के बिट्टू सोनार के रूप में की गई। इस दौरान ट्रक से 30420 बोतल बरामद किए गए। सुरक्षा बलों को शराब की बोतल गिनती करने के लिए कई घंटे का समय लगा। समझा जाता है कि तस्करों का एक बड़ा गिरोह बनारस से शराब लेकर पड़ोसी राज्य झारखंड इलाके से होकर बिहार के किसी ठिकाने पर डिलीवरी देने के लिए जा रहा था, व तस्करों ने शराब लाने के लिए कंटेनर ट्रक का उपयोग किया था। और इसी क्रम में सूचना पर पुलिस के हाथ लग गई। इधर शराब व अन्य गतिविधियों की रोकथाम के लिए झारखंड बॉर्डर के समिप खोले गये बहेरा थाने से होकर भारी मात्रा में शराब भरे कंटेनर को निकल जाने पर बहेरा थाने की पुलिस पर लोग सवालिया निशान उठा रहे हैं।
जब्त शराब की अनुमानित कीमत दस लाख
डोभी थाना परिसर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शेरघाटी डीएसपी टू संजीत कुमार ने बताया कि बरामद किए गए शराब के तार किन-किन तस्करों से जुड़े हैं। इस मुद्दे पर गंभीरता से तहकीकात की जा रही है और जल्दी मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। बरामद किए गए शराब का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग दस लाख रुपए से ऊपर आंका जा रहा है। इस अभियान में डोभी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे।