अंजन साबत की रिपोर्ट
पुरी। जगन्नाथपुरी संसार के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है l जहां हर साल जगन्नाथपुरी रथयात्रा महोत्सव देखने लोगों का हुजूम उमड़ता है l लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से तीर्थ स्थल पुरी धाम में सन्नाटा पसरा है। ऐसे माहौल में जब देश में ऐसी वैश्विक महामारी तांडव कर रही हैं, जगन्नाथपुरी रथयात्रा महोत्सव का आयोजन टल सकता है l जगन्नाथपुरी अभी 1 मार्च से दर्शकों के लिए बंद है। ऐसे में इसके आयोजन पर अंतिम फैसला प्रशासन करेगी l
सरकार कोरोना के संक्रमण से निपटने भरपूर तैयारी कर रही है l लोगों को लगातार दिशा-निर्देश दे रही है l जिससे लोग वायरस के संक्रमण की जद में ना आए l अभी भुवनेश्वर में 32 और ओडिशा में अब तक 39 कोरोना पॉजिटिव के केस मिले हैं l ऐसे में कोरोना के बड़ते कद को देखते हुए रथयात्रा पर रोक लगा सकती हैं।
नौ दिनों तक चलने वाले रथयात्रा महापर्व की तैयारियां अक्षय तृतीया यानी 23 अप्रैल से शुरू होनी है। चंदन पूर्णिमा को जगन्नाथ भगवान का नौका विहार आयोजित किया जाएगा। इस सब पर कोरोना वायरस का ग्रहण लग सकता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि महाप्रभु जगन्नाथ भगवान ने ओडिशा को हर विपत्ति से सदैव ही बचाया है। ऐसे में कोरोना वायरस उनके रथ का पहिया नहीं रोक सकेगा।
श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन के पीआरओ लक्ष्मीधर पूजापंडा का कहना है कि तैयारी है बाकी सबकुछ हालात पर निर्भर है। रथयात्रा स्थगित करना या आयोजित की जाएगी, यह फैसला श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन, प्रबंध समिति और छत्तीस नियोग की बैठक में लिया जाना है। यह बैठक शीघ्र ही होगी। पुरीधाम भी लॉक डाउन की कैटेगरी में है। श्रीमंदिर में महाप्रभु के दर्शन पर रोक लगी है। कपाट बंद हैं। पर महाप्रभु रीतिनीति जारी है। जो सेवायत कर रहे हैं। जहां कभी लाखों रुपया हुंडी में रोज आते थे। अब चार पांच सौ से लेकर डेढ़ हजार रुपया तक ही आता है।