नई दिल्ली। देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय जापान के दौरे पर हैं. उन्होंने टोक्यो में एक थिंक टैंक के कार्यक्रम रायसीना गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान जयशंकर ने चीन की नापाका हरकतों का जिक्र किया और उस पर आरोप लगाया कि उसने भारत के साथ लंबे समय से चले आ रहे लिखित समझौतों का पालन नहीं किया है. साथ ही साथ विदेश मंत्री ने 2020 में सीमाओं पर दोनों देशों के बीच हुई झड़प के
ड्रैगन को जिम्मेदार ठहराया.
जयशंकर ने बदलती विश्व व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की. उनका कहना है कि हिंद-प्रशांत में शक्ति परिवर्तन एक बहुत बड़ी वास्तविकता है. क्षमता और प्रभाव बदलने से महत्वाकांक्षाओं में भी बड़े बदलाव होते हैं. साथ ही साथ रणनीतिक परिणाम भी जुड़े होते हैं. आपको क्या पसंद है और क्या नहीं ये मुद्दा नहीं रह गया है. हर किसी को वास्तविकता से निटपना पड़ेगा. विदेश मंत्री ने कहा, ‘आदर्श रूप से हम मानते हैं कि हर कोई कहेगा, ठीक है, चीजें बदल रही हैं, लेकिन इसे जितना संभव हो उतना स्थिर रखना चाहिए.’
भारत के विदेश मंत्री ने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से उन्होंने पिछले दशक में इस तरह की चीजें नहीं देखा है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1975 से लेकर 2020 यानी 45 सालों तक सीमा पर कोई हिंसा नहीं हुआ थी, लेकिन 2020 में सब बदल गया. उन्होंने कहा, ‘कई चीजों पर असहमत हो सकती है, लेकिन जब कोई देश किसी पड़ोसी के साथ लिखित समझौतों का पालन नहीं करता है, तो मुझे लगता है… तब रिश्ते की स्थिरता पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है और ईमानदारी से कहूं तो इरादों पर सवाल उठता है.
साल 2020 में दोनों देशों के बीच बढ़ा था गतिरोध
5 मई, 2020 को भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प देखने को मिली थी, जिसके बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के बीच गतिरोध बढ़ गया था. भारत ने चीन को करारा जवाब दिया था. इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी में भी भीषण झड़प हुई थी. इसके बाद रिश्ते और खराब हो गए. चीन और भारत में दशकों के बाद इस तरह का दोनों पक्षों के बीच गंभीर सैन्य संघर्ष हुआ था. ड्रैगन की इस हरकत की वजह से भारत ने उसे दो टूक कहा था कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति स्थापित नहीं होगी तब तक चीन के संबंध सामान्य नहीं हो सकते.