Saturday, May 31, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home उत्तराखंड

वन कानूनों में अटकीं जल जीवन मिशन की 212 करोड़ की योजनाएं

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
21/09/24
in उत्तराखंड, देहरादून
वन कानूनों में अटकीं जल जीवन मिशन की 212 करोड़ की योजनाएं
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

देहरादून: उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की 212 करोड़ रुपये की परियोजनाएं सालों से वन कानूनों के चक्कर में लटकी हुईं हैं। लगातार पत्राचार के बाद भी इन्हें अनुमति नहीं मिल पाईं। इन सभी परियोजनाओं से सैकड़ों गांवों की हजारों की आबादी को पेयजल मिलना था।

जल जीवन मिशन के तहत पांच करोड़ से ऊपर की 268.19 करोड़ की 12 ऐसी परियोजनाएं थीं, जिनका निर्माण या तो रिजर्व फॉरेस्ट के क्षेत्र में होना था या जिनके लिए वन भूमि की दरकार थी। इनमें से हाल ही में उत्तरकाशी की 12.63 करोड़ की खान्सी पौटी ग्राम समूह पेयजल योजना, 26.24 करोड़ लागत की कंडारी ग्राम समूह पेयजल योजना और 16.84 करोड़ की देवराना ग्राम समूह पंपिंग पेयजल योजना को वन भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिल गई है।

अब इन परियोजनाओं का काम शुरू होगा। लेकिन, नौ परियोजनाओं को अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिली। एक को वन विभाग से तो स्वीकृति मिली है, लेकिन नैना देवी पक्षी विहार से अनुमति नहीं मिल पाई है। इन परियोजनाओं को वन भूमि हस्तांतरण न होने की वजह से करोड़ों रुपये वर्षों से खर्च नहीं हो पाए।

जल जीवन मिशन के तहत परियोजनाओं की पाइपलाइन तो जंगलों के बीच से बिछा दी गई। लेकिन, जमीन न होने के कारण इनका पंपिंग स्टेशन या वेल निर्माण नहीं हो पाया है। पेयजल निगम के अफसरों का कहना है कि लगातार इस संबंध में वन विभाग से पत्राचार किया जा रहा है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.