नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रविवार को सीमावर्ती गांवों के निवासियों से कहा कि वे घर वापस न लौटें, सुरक्षित स्थानों पर रहें, क्योंकि अभी इलाके पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हुए हैं. यहां से पाकिस्तान द्वारा दागे गए गोले-बारूद अभी मौजूद हैं. बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में नियंत्रण रेखा के करीब के गांवों के 1.25 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.उनके घरों को पाकिस्तानी गोलाबारी का निशाना बनाए जाने का बहुत अधिक खतरा था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है, “सीमावर्ती गांवों में वापस न लौटें. पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद अज्ञात गोला-बारूद के बिखरे होने के कारण लोगों की जान को खतरा है.” इसमें कहा गया है कि बम निरोधक दस्ते प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जाएंगे ताकि गांवों को साफ किया जा सके. वहां मौजूद गोले-बारूद को हटाया जा सके, जिससे जान का नुकसान हो सकता है. साल 2023 में नियंत्रण रेखा के पास बचे हुए गोले के विस्फोटों में 41 लोगों की जान चली गई थी.
पाकिस्तान की फायरिंग में बुधवार से अब तक कुल 25 मौतों में से सबसे अधिक 18 मौतें पुंछ जिले में हुई हैं, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं. यह घटना भारत द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ढांचों पर हमला करने के बाद हुई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को सीमा पार से चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद तत्काल प्रभाव से सीजफायर पर सहमती जताई है.
हालांकि, शनिवार की रात पाकिस्तान द्वारा सीजफायर के उल्लंघन किए जाने के बाद सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैल गई. लेकिन रविवार सुबह को सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू हो गईं और बाजार फिर से खुल गए. राजस्थान में उत्तर पश्चिमी रेलवे (एनडब्ल्यूआर) ने भी उन रेल सेवाओं को बहाल कर दिया है, जिन्हें दोनों देशों के बीच तनाव के कारण शनिवार को रद्द या आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया था. शनिवार रात को रेगिस्तानी राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में ब्लैकआउट लगा दिया गया था.
जैसलमेर, बाड़मेर और अन्य इलाकों से ड्रोन गतिविधि और विस्फोटों की खबरें आई थीं. जैसलमेर निवासी रेवंत सिंह के अनुसार, पिछली दो रातों की तुलना में ड्रोन गतिविधि की आवृत्ति कम थी. उन्होंने बताया, “आसमान में ड्रोन गतिविधि देखी गई, जो शनिवार को हुई सैन्य सहमति का स्पष्ट उल्लंघन था.” जैसलमेर और बाड़मेर में गुरुवार रात के साथ-साथ शुक्रवार रात को भी पाकिस्तान द्वारा ड्रोन हमले हुए. भारतीय रक्षा बलों ने ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया. किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई.
ड्रोन के मलबे और मिसाइल जैसी वस्तुएं शनिवार को विभिन्न स्थानों से बरामद की गईं. जैसलमेर और जोधपुर में ब्लैकआउट की अवधि भी कम कर दी गई है. सीमा के पास फतेहगढ़ के झिनझिनयाली गांव के निवासी तरेंद्र सिंह ने बताया, “शाम को समझौते की खबर आई और बाजार फिर से खुल गए. लेकिन रात करीब 9 बजे आसमान में फिर से ड्रोन देखे गए. हमने विस्फोट सुने, हालांकि पिछली रात की तुलना में गतिविधि कम तीव्र थी. इसके बावजूद चौकसी के लिए ब्लैकआउट कर दिया गया था.”