गया: गया में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने लालू यादव और तेजस्वी यादव पर एक बार फिर निशाना साधा है. ‘जय सियाराम, ‘जय सीताराम’ के नाम से संघियों और भाईपाईयों को नफरत होने के लालू यादव के बयान पर जीतन राम मांझी ने कहा कि वो ऊटपटांग बात बोलने के लिए प्रसिद्ध हैं. उनकी ऊटपटांग भाषा को कुछ लोग समझते हैं. जनसंघ, बीजेपी या एनडीए में अगर महिलाओं के विरोध होने की बात होती तो अनेक योजनाएं हैंं, जिसमें महिलाओं को विशेष रूप से तरजीह दी गई है.
‘एनडीए महिलाओं को आगे बढ़ाने को कटिबद्ध’
जीतन राम मांझी ने कहा कि यशस्विनी योजना हमलोगों ने चलाया. पुरुषों के समकक्ष महिलाओं के लिए योजनाएं चली हैं. जब जय श्री राम का नारा लगता है, हम राम कहते हैं तो उसमें सीता भी संलग्न है. चुकी उनके पास कोई मुद्दा है नहीं, उनके पास कोई नीति ही नहीं है. कोई काम नहीं है तो उल्लजलूल की बातें आती हैं. सच्चाई यही है कि योजनाओं और कार्यक्रम में एनडीए के लोग महिलाओं को पुरुषों के भांति आगे बढ़ाने को कटिबद्ध हैं. बिहार में नीतीश का महिलाओं को स्टाइपेंड देना क्या है? यह सब महिलाओं का सम्मान है. इंदिरा आवास जब बनता है तो उसमें महिलाओं के नाम से बैंक खाता खुलता है. यह महिलाओं के प्रति सम्मान कहता है. इस तरह से पीएम और नीतीश कुमार और पूरा एनडीए के लोग महिलाओं के प्रति पूरा सम्मान रखते हैं.
वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पीएम बनाए जाने का लालू प्रसाद यादव ने ही विरोध किया था. कहा कि लालू यादव अपनी भाषा शैली के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने ही मनमोहन सिंह को मौनीया बाबा नाम रखा था. इनके बारे में वह नहीं जानते थे कि कितने बड़े वे विद्वान थे. हर तरह से चिंतनशील व्यक्ति थे. जब भारत मंदी के दौर से गुजर रहा था, लेकिन मनमोहन सिंह के आर्थिक पॉलिसी थी कि उसे उबार दिया था. उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया. ऑलराउंडर नेता थे.
तेजस्वी यादव के बयान पर क्या कहा?
बीपीएससी छात्रों पर लाठीचार्ज और नीतीश कुमार यात्रा कर रहे हैं, तेजस्वी यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि बीपीएससी में कुल 912 परीक्षा केंद्र था, जिसमें 911 परीक्षा केंद्र पर शांतिपूर्ण परीक्षा हुई. वहां कोई आरोप नहीं लगा. सिर्फ एक परीक्षा केंद्र के लिए ऐसा हो रहा है. कल बाकी के 911 परीक्षा केंद्र के लोग भी बोल सकते हैं कि हमारी क्या गलती थी कि हमारी परीक्षा को रद्द कर दिया. सरकार व्यापक स्तर पर काम कर रही है. कुछ हजार लोग ऐसे हैं और परीक्षा देने वाले लाख हैं. तो हजार की बात सुनेंगे या लाखों की बात सुनी जाए.
बिहार में आरजेडी की सरकार बनने पर माई-बहिन मान योजना को तेजस्वी यादव के जरिए लागू करने के बयान पर कहा कि बहुत डिंग हांक रहे हैं. डिप्टी सीएम रहते कहते हैं. लाखों को नौकरी दी. उस समय कहां चले गए थे. उस समय तो कोई योजना को लागू करते. उस समय तो कुछ सुझा नहीं अब जब देख रहे हैं उनकी स्थिति गड़बड़ है, तो लोकलुभावन नारा देना चाहते हैं. बिहार सरकार सोच रही है कि 400 रुपये पेंशन से काम नहीं चलने वाला है, उनका पेंशन बढ़ाया जाएगा.