नई दिल्ली: झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी से लेकर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हो रहे उपचुनावों में ‘सत्ता’ पक्ष और ‘विपक्ष’ यानी एनडीए गठबंधन और इंडिया अलायंस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. दोनों से जुड़ी पार्टियों के बीच पोस्टर वॉर जारी है. खासतौर पर ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाला यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का वह नारा इन दिनों हिट हो कर सियासत का केंद्र बन चुका है. लखनऊ के बाद वाराणसी के लंका इलाके में लगे एक पोस्टर में बटोगे तो कटोगे के साथ बांग्लादेश की घटना का भी जिक्र किया गया है. पोस्टर में बड़े अक्षरों में लिखा है कि ‘हिंदू जाति में बटेंगे तो बांग्लादेश जैसा कटेंगे, फैसला आपका’ पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति का नाम विवेक सिंह बताया जा रहा है. इस बीच बीजेपी ने झारखंड में यूसीसी का दांव चल दिया है.
झारखंड में बीजेपी का दांव
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के चुनावी वादों को लेकर कई बड़ी बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार बनते ही झारखंड में यूसीसी लागू होगा लेकिन आदिवासी भाई-बहनों और उनके परिवारों को इससे अलग रखा जाएगा. आपको बताते चलें कि 2022 के झारखंड चुनावों में भी इस दांव का जिक्र हुआ था. सियासी रणनीतिकारों का मानना है कि यूसीसी, राष्ट्रवाद और सनातन के नाम पर बीजेपी अगर हिंदू वोटरों को अपने पाले में लाने में कामयाब हो गई तो झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का किला आसानी से ध्वस्त हो सकता है.
‘भ्रष्टाचार का मुद्दा और हेमंत सोरेन की जेल और बेल’
आपको बताते चलें कि इसी साल की शुरुआत में ईडी ने घोटाले के मामले में सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था, वो जमानत पर छूटे हैं. बीजेपी, हेमंत सोरेन की सरकार में हुए भ्रष्टाचारों और मंत्रालयों के कामकाज को लेकर हमलावर है. क्या हेमंत सोरेन के जेल और बेल वाले एपिसोड से बीजेपी को मदद मिलेगी या हेमंत सोरेन अपने ऊपर लगे मामलों को बीजेपी की साजिश बताकर सिंपैथी बटोर पाएंगे, अब यह देखना दिलचस्प होगा.