नई दिल्ली. पेटीएम की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जब से आरबीआई ने इस फिनटेक कंपनी के खिलाफ सख्ती दिखाई है तब से पेटीएम के बिजनेस पर दबाव बढ़ा है. पहले शेयरों में भारी गिरावट होने के बाद कंपनी का मार्केट कैप गिरा तो अब कंपनी को बिक्री घटने से नुकसान हुआ है. इस बीच खबर है कि अब कंपनी इस बुरे हालात से निपटने के लिए कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर सकती है.
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने बताया कि पेटीएम ने 22 मई को सेल्स में पहली बार गिरावट के बाद संभावित रूप से नौकरियों में कटौती और गैर-प्रमुख संपत्तियों में कटौती की योजना का ऐलान किया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नियामक जांच और उसके बाद आए फैसले से कंपनी के संचालन पर काफी प्रभाव पड़ा है.
बुरे रहे Q4 में कंपनी के नतीजे
फिनटेक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) का वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में घाटा बढ़कर 550 करोड़ रुपये हो गया. पिछले साल इसी अवधि में घाटा 167.5 करोड़ रुपये था. वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम ब्रांड का स्वामित्व है.
पेटीएम ने एक बयान में कहा, ‘‘ हमारे वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के परिणाम यूपीआई लेनदेन पर अस्थायी व्यवधान और पीपीबीएल प्रतिबंध के कारण स्थायी व्यवधान से प्रभावित हुए. पेटीएम ने 2,267 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया.
कंपनी ने गंवाए ग्राहक
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 15 मार्च से व्यापारियों सहित ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था. कंपनी ने बताया कि तिमाही में कंपनी ने पीपीबीएल में 39 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 227 करोड़ रुपये के निवेश को बट्टे खाते में डाल दिया. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.
जनवरी में केंद्रीय बैंक के फैसले से पेटीएम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है. इसके बाद यह चिंता बढ़ने लगी कि ग्राहक फोनपे और गूगलपे जैसे प्रतिस्पर्धियों का ओर रुख कर सकते हैं. पेटीएम ने मार्च तिमाही के दौरान लगभग 4 मिलियन यानी 40 लाख यूजर्स खो दिए.